लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण में ज्यादातर जगहों पर भाजपा और कांग्रेस गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। हालांकि पश्चिम बंगाल और ओडिशा की बची हुई सीटों पर त्रिकोणात्मक और पंजाब की सभी सीटों पर चारकोणीय संघर्ष है। पहली बार हो रहा है कि भाजपा पंजाब में अकेले चुनाव लड़ रही है और ताकत लगा कर लड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दौरे हो चुके हैं और पार्टी ने कई इलाकों में मजबूती से अपने को स्थापित किया है। यह अलग बात है कि कांग्रेस नेताओं के भरोसे ही भाजपा ने अपने को स्थापित किया है लेकिन ऐसा लग रहा है कि वह 2024 के लोकसभा के साथ साथ 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भी अपनी तैयारी कर रही है।
पार्टी के रूप में भाजपा का बहुत मजबूत आधार नहीं है लेकिन वह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गैर सिख वोट में सेंध लगा रही है। प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ इस काम में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा पटियाला में परनीत कौर, लुधियाना में रवनीत सिंह बिट्टू, जालंधर में सुशील कुमार रिंकू जैसे नेताओं के दम पर भाजपा ने अपने को लड़ाई में रखा है। वैसे तो मुख्य मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच ही दिख रहा है लेकिन भाजपा और अकाली दल की वजह से दोनों पार्टियों की सांस फूल रही है। भाजपा और अकाली दल की इक्का दुक्का सीटों छोड़ कर जीतने की स्थिति नहीं है लेकिन इन दोनों के वोट काटने से ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की जीत हार का फैसला होना है।