चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। पिछले कुछ दिनों से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं और सोशल मीडिया में इसका प्रचार भी शुरू हो गया था कि प्रशांत किशोर का संगठन जन सुराज इस बार लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर लड़ सकता है। उनकी कुछ बातों से भी इसका अंदाजा लग रहा था। Prashant Kishor
उन्होंने कई बार कहा कि भाजपा और नीतीश या कोई भी पार्टी बिहार की कोई सीट बताए वहां से वे लड़ेंगे और जीत कर दिखा देंगे। इसके बाद कहा जाने लगा था कि वे बिहार की वाल्मिकीनगर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। वहां से अभी जदयू का सांसद है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर का चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। Prashant Kishor
पिछले करीब डेढ़ साल से वे पदयात्रा कर रहे हैं और बिहार के बड़े हिस्से को कवर कर चुके हैं। अभी उनकी पदयात्रा जन सुराज के नाम से चल रही है और वे एक राजनीतिक दल का पंजीयन कराने वाले हैं। उनकी पार्टी विधानसभा का चुनाव लड़ेगी और वह लड़ाई प्रयोगात्मक या प्रतीकात्मक नहीं होगी। वे पहली बार में बिहार में सरकार बनाने के लिए लड़ेंगे। हालांकि यह हिमालय पहाड़ पर चढ़ने जैसा है।
लेकिन वे जिस भरोसे से दावा कर रहे हैं उससे बिहार में उनको लेकर लोगों में उत्सुकता पैदा हो गई है। बिहार की सभी पार्टियां कौतुहल के साथ उनको देख रही हैं। भाजपा को लग रहा है कि वे बिहार के अविकसित रह जाने का जो नैरेटिव बना रहे हैं उसका नुकसान राजद को होगा और भाजपा को लाभ मिलेगा।
दूसरी ओर राजद को लग रहा है कि प्रशांत किशोर के साथ अगड़ी जमात जुड़ रही है और उन्होंने कहा कि वे अति पिछड़े समुदाय से 75 लोगों को टिकट देंगे तो सवर्ण और अति पिछड़े दोनों भाजपा के साथ जुड़े हैं। इस तरह राजद को उम्मीद है कि प्रशांत किशोर की पार्टी भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी।
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