लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान के बाद ऐसा लग रहा था कि भाजपा ने चार सौ सीट का राग गाना छोड़ दिया है। विपक्षी पार्टियां इस पर जश्न भी मनाने लगी थीं कि भाजपा को वास्तविकता का अहसास हो गया है और इसलिए उसने चार सौ सीट जीतने की बात बंद कर दी है। लेकिन अब चार सौ सीट के गाने का रिमिक्स आ गया है। नई धुन और नए तेवर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे तीसरे चरण के मतदान के दिन लॉन्च किया। कह सकते हैं कि चार सौ सीट के पूरे नैरेटिव में अब नया मोड़ आ गया है। प्रधानमंत्री मोदी पहले चरण के मतदान के बाद से विपक्षी पार्टियों खासतौर से कांग्रेस के सत्ता में आ जाने का जो भय दिखा रहा था उसे उन्होंने चार सौ सीट की जरुरत से जोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया है कि एनडीए को क्यों चार सौ सीट का बहुमत चाहिए। उन्होंने कहा है कि चार सौ सीट इसलिए चाहिए ताकि कांग्रेस अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर ‘बाबरी ताला’ न लगा सके। प्रधानमंत्री अब तक अलीगढ़ के ताले की बात करते थे लेकिन अब उन्होंने राम मंदिर और बाबरी ताले का जिक्र एक साथ किया है। इसी तरह उन्होंने कहा कि चार सौ सीट इसलिए चाहिए ताकि कांग्रेस अनुच्छेद 370 की फिर से बहाली न करा सके। आगे कहा कि चार सौ सीट इसलिए चाहिए ताकि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को नहीं दे सके। ध्यान रहे प्रधानमंत्री मोदी ये सारी बातें अलग अलग कहते थे और लोगों को भय दिखाते थे कि कांग्रेस आ गई तो यह सब कर देगी। अब वे कह रहे हैं कि इसे रोकने के लिए चार सौ सीट चाहिए।
सवाल है कि क्या 272 सीट आए और नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें तो इन सबको नहीं रोक पाएंगे? अगर केंद्र में उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई लेकिन चार सौ सीटें नहीं आईं तो क्या कांग्रेस पार्टी जो विपक्ष में बैठी होगी वह अयोध्या के मंदिर में ‘बाबरी ताला’ लगा देगी? क्या विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली करा देगी और एससी, एसटी, ओबीसी आदि का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को दे देगी? सोचें, प्रधानमंत्री मोदी की 303 सीटों वाली सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और उसी सरकार के मुखिया के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास भी किया और उद्घाटन भी किया। लेकिन अब अनुच्छेद 370 फिर से न बहाल हो जाए इसके लिए चार सौ सीट चाहिए! प्रधानमंत्री मोदी चार सौ सीट का नैरेटिव स्थापित करने के लिए निश्चित रूप से इससे बेहतर तर्क गढ़ सकते थे।