विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की मुंबई में हुई बैठक में कई अहम फैसले हुए लेकिन जिन मामलों में जरा सा भी विवाद था या विवाद की गुंजाइश थी उन मुद्दों को छोड़ दिया गया। जैसे विपक्ष के नेताओं ने गठबंधन का संयोजक तय नहीं किया। पहले कहा जा रहा था कि मुंबई की बैठक में समन्वय समिति के साथ साथ संयोजक का नाम भी तय हो जाएगा। लेकिन उसे अगली बैठक के लिए छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि संयोजक के नाम पर सहमति नहीं है। सोचें, जब हर नेता कह रहा है कि उसको संयोजक नहीं बनना है फिर भी सहमति नहीं बन पा रही है।
जो समन्वय समिति बनी है उसमें शरद पवार को रखा गया है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे संयोजक हो सकते हैं। क्योंकि उनसे वरिष्ठ कोई दूसरा नेता विपक्ष में नहीं है और उनको कमेटी में रख कर किसी और संयोजक बनाया जाए तो उसका मैसेज गलत जाएगा। लेकिन जो भी फैसला अगली बैठक में होगा। इसी तरह बिहार की तरह सभी राज्यों में और देश में भी जातियों की गिनती कराने के मामले में सहमति नहीं बनी। कई राज्य इसकी घोषणा करना नहीं चाहते हैं। इसलिए प्रस्ताव में इसको शामिल नहीं किया गया। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का एक साझा लोगो जारी करने का भी फैसला टाल दिया गया क्योंकि जो लोगो तय किया गया था उसमें नेताओं ने बदलाव सुझा दिए। सो, संयोजक के नाम से लेकर, जाति गणना का मुद्दा और लोगो व थीम सॉन्ग का मामला अगली बैठक के लिए छोड़ दिया गया। अगली बैठक में ही सीटों के बंटवारे पर बात होगी।