राज्य-शहर ई पेपर पेरिस ओलिंपिक

एक साथ चुनाव पर आयोग की चुप्पी

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

चुनाव आयोग ने एक राष्ट्र, एक चुनाव के आइडिया पर चुप्पी साध रखी है। हालांकि ऐसा नहीं है कि वह इस आइडिया के खिलाफ है। पहले कई बार चुनाव आयोग कह चुका है कि वह पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने को तैयार है। लेकिन जब से इस आइडिया पर अमल को लेकर गंभीरता से चर्चा शुरू हुई है तब से आयोग का रुख सामने नहीं आया है। भारत सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है लेकिन अभी तक चुनाव आयोग की इस समिति से मुलाकात नहीं हुई है। समिति की कई बैठकें हो चुकी हैं और जनवरी में पांच से 15 तारीख के बीच कमेटी ने आम लोगों की राय भी मंगाई थी, जिनमें से 81 फीसदी ने कहा था कि एक साथ चुनाव होना चाहिए।

बताया जा रहा है कि पिछले दिनों चुनाव आयोग ने कोविंद कमेटी से मीटिंग की तारीख भी तय की थी लेकिन उस तारीख पर बैठक नहीं हुई। यह भी कहा जा रहा है कि कानून मंत्रालय ने चुनाव आयोग से लॉजिस्टिक्स की जानकारी मांगी है। पूछा है कि कितने ईवीएम की जरुरत होगी और कितना मैनपावर लगेगा। अभी तक आयोग ने इसका भी जवाब नहीं दिया है। ध्यान रहे चुनाव आयोग और विधि आयोग की कई बार इस मसले पर बैठक हो चुकी है और आयोग का प्रेजेंटेशन पहले से तैयार है। फिर भी कोविंद कमेटी के साथ मीटिंग नहीं होना हैरान करने वाला है। क्या चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियों की वजह से नहीं मिल पा रहा है या कोई और कारण है?

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *