ओडिशा में मई में लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव होगा और इस बार भी सत्तारूढ़ बीजू जनता दल अपने नेता नवीन पटनायक के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी। पिछले कुछ दिन से कहा जा रहा था कि नवीन रिटायर होंगे और वीके पांडियन उनके उत्तराधिकारी होंगे। पांडियन ने आईएएस की सेवा से वीआरएस लेकर जब से बीजद ज्वाइन किया है तब से इस बात की चर्चा शुरू हुई है। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि पार्टी नवीन के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी और जीतेगी तो नवीन पटनायक ही मुख्यमंत्री बनेंगे। यह सही है कि उन्होंने पांडियन को उत्तराधिकारी बना दिया है लेकिन उनको आगे करके लडने का जोखिम पार्टी नहीं ले सकती है।
बीजू जनता दल ने बहुत सोच समझ कर इसका फैसला किया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक पार्टी की ओर से इस मसले पर जमीनी फीडबैक ली गई है, जिसमें यह पता चला कि पांडियन को अभी आगे करने से नुकसान हो जाएगा। भाजपा धरती पुत्र का दांव चलेगी और ओबीसी, ओड़िया चेहरा आगे करके लड़ेगी तो उसे फायदा हो जाएगा। इसलिए पांडियन से ऐलान कराया गया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसा इसलिए भी किया गया क्योंकि अगर वे चुनाव लड़ते तब भी भाजपा यह प्रचार कर सकती थी कि बीजू जनता दल उनको मुख्यमंत्री बनाएगी। ऐसा मैसेज भी न जाए इसलिए पार्टी की ओर से यह घोषणा कराई गई है।