बहुजन समाज पार्टी के स्टार प्रचार और मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद कई दिन तक चुनाव प्रचार से गायब रहे और इस बीच बसपा ने प्रतिष्ठा की सीट बनी जौनपुर में उम्मीदवार बदल दिया। बसपा ने इस सीट से बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया था। लेकिन नामांकन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले उनकी टिकट काट दी और उनकी जगह पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बना दिया। सवाल है कि मायावती ने क्यों धनंजय सिंह की पत्नी की टिकट काटी, जबकि उनको पता था कि धनंजय सिंह जेल से छूट कर आ गए हैं और मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं? क्या इसके पीछे कोई बड़ा खेल हुआ? दिल्ली, लखनऊ से फोन आए?
एक रिपोर्ट के मुताबिक मायावती ने जब धनंजय सिंह की पत्नी की टिकट काट दी तो उनको भाजपा के एक बड़े नेता का फोन आया और उन्होंने कहा कि निर्दलीय चुनाव मत लड़िएगा। गौरतलब है कि भाजपा ने जौनपुर सीट पर कृपाशंकर सिंह को टिकट दिया है, जो ऐन चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। वे पहले कांग्रेस में थे और मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे। उनके और उनके बेटे के ऊपर सैकड़ों करोड़ रुपए की अनियमितता के आरोप भी लगे। धनंजय सिंह की पत्नी के चुनाव लड़ने से राजपूत वोट में विभाजन होता, जिससे भाजपा उम्मीदवार को दिक्कत होती। अब बसपा से श्याम सिंह यादव के चुनाव लड़ने से यादव वोट में विभाजन होगा, जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
समाजवादी पार्टी ने इस सीट से बाबू सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। वे पहले बसपा में थे और गैर यादव पिछड़ी जातियों में उनका असर है। उनके साथ अगर सपा का यादव वोट जुड़ता और कृपाशंकर सिंह का ठाकुर वोट बंटता तो उनको बहुत फायदा होता। लेकिन अब बसपा से श्याम सिंह यादव के लड़ने से यादव वोट टूटेगा, जबकि ठाकुर वोट कृपाशंकर सिंह के साथ एकजुट हो जाएगा।