एक तरफ कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं सोनिया व राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से अपील की जा रही है कि वे दक्षिण भारत के किसी राज्य से लोकसभा का चुनाव लड़े तो दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में चर्चा शुरू हो गई है कि वे उत्तर प्रदेश की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। ममता बनर्जी द्वारा खड़गे को विपक्ष का चेहर बनाने का प्रस्ताव किए जाने के पहले से ही उनके बारे में चर्चा हो रही थी। कहा जा रहा था कि वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं इसलिए देश में किसी भी सीट से चुनाव लड़ेंगे तो सवाल नहीं उठेगा। ऊपर से वे दलित समुदाय से आते हैं और कर्नाटक से आते हैं, जहां दलित-मुस्लिम एकजुटता ने कांग्रेस को जीत दिलाई है तो उनके लड़ने से उत्तर प्रदेश में भी दलित-मुस्लिम एकजुटता बन सकती है।
हालांकि कांग्रेस में अभी औपचारिक रूप से इस बारे में चर्चा नहीं हुई है। लेकिन बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेता उनके लिए सीट सुझाने लगे हैं। फिलहाल दो सीटों को लेकर चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि वे बाराबंकी या बहराइच सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। दोनों पूर्वी उत्तर प्रदेश की सीटें हैं, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं और भाजपा जीती हुई है। माना जा रहा है कि उनके लड़ने से आसपास की कई सीटों पर असर होगा। यह भी कहा जा रहा है कि अगर बहुजन समाज पार्टी के साथ बात नहीं बनती है और बसपा अकेले ही लड़ती है तब कांग्रेस खड़गे का दांव आजमा सकती है। तब अखिलेश यादव को भी दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हालांकि अखिलेश यादव और उनकी पार्टी किसी हाल में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की वापसी रोकने की कोशिश करेंगे। वे नहीं चाहते हैं कि राज्य में कांग्रेस मजबूत हो क्योंकि कांग्रेस मजबूत हुआ तो सपा स्वाभाविक रूप से कमजोर होगी।