महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन यानी एनडीए यानी महायुति की ओर से विधानसभा चुनाव में किसी का चेहरा पेश नहीं किया जाएगा। बिना सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट किए ही गठबंधन चुनाव लड़ेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जरूर हैं लेकिन पार्टी उनके नाम और उनके दो साल से कुछ ज्यादा समय के राजकाज पर चुनाव नहीं लड़ेगी। भाजपा की ओर से एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों को यह बात बता दी गई है। हालांकि शिंदे और पवार दोनों को उम्मीद भी नहीं थी कि भाजपा उनका नाम आगे करेगी। लेकिन एकनाथ शिंदे के समर्थकों को लग रहा था कि भाजपा की ओर से इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं की जाएगी। अगर भाजपा चाहती है कि कुछ शिव सैनिकों का वोट उसको मिले तो वह अस्पष्टता रखेगी ताकि शिंदे के असर वाले इलाके का वोट भाजपा और गठबंधन को मिले।
परंतु भाजपा कोई अस्पष्टता नहीं रखना चाहती है। उसने चुनाव की घोषणा से पहले ही साफ कर दिया है कि किसी का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि सीटों का बंटवारा होने के बाद भाजपा यह भी स्पष्ट कर देगी कि चुनाव में अगर एनडीए को जीत मिलती है तो भाजपा का मुख्यमंत्री होगा। वैसे भी भाजपा ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उसने पिछली बार एकीकृत शिव सेना के साथ गठबंधन में 154 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इस बार भी वह डेढ़ सौ से ज्यादा सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। अगर चुनाव से पहले अजित पवार की पार्टी से खत्म होता है तो यह भी संभव है कि भाजपा अकेले दो सौ के करीब सीटों पर लड़े। एकनाथ शिंदे की पार्टी एक सौ सीट की मांग कर रही है लेकिन बहुत अच्छी स्थिति में भी उसे 80 से ज्यादा सीटें भाजपा नहीं देना चाहती है। सो, भाजपा अगर डेढ़ सौ से ज्यादा सीटों पर लड़ती है तो अपने आप यह मैसेज जाएगा कि उसका मुख्यमंत्री बनेगा।