प्रादेशिक पार्टियां आमतौर पर वन मैन शो होती हैं। एक ही व्यक्ति पार्टी का अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता विपक्ष, स्टार प्रचार आदि होता है। जब जैसी स्थिति होती है वह उसके मुताबिक भूमिका में होता है। समाजवादी पार्टी भी अपवाद नहीं है। जब मुलायम सिंह थे तो वे नेता थे और अब अखिलेश यादव नेता हैं। उनकी पत्नी डिम्पल यादव सांसद हैं। वे पहले भी सांसद रही हैं लेकिन अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर आमतौर पर प्रचार के लिए नहीं जाती हैं। लेकिन ऐसा लग रहा है कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी में कुछ चीजें बदल रही हैं। अखिलेश यादव ने डिम्पल को मध्य प्रदेश के प्रचार में उतारा।
मध्य प्रदेश में सपा कोई बड़ी तैयारी के साथ नहीं लड़ रही है। पार्टी को उम्मीद है कि बहुत अच्छा प्रदर्शन हुआ तो एक या दो सीटें जीत सकती है। ऐसी ही एक सीट पिछोरे की है, जहां डिम्पल यादव ने प्रचार किया। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले साल के लोकसभा चुनाव में वे बड़ी भूमिका में होंगी। असल में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद राजनीति का फोकस महिलाओं की ओर हुआ है। महिला वोट की ताकत सभी पार्टियों को समझ में आ रही है। इसलिए सपा भी डिम्पल यादव को आगे कर रही है। अगले साल के लोकसभा चुनाव में वे पूरे राज्य में पार्टी के लिए प्रचार करेंगी। बताया जा रहा है कि अखिलेश और डिम्पल प्रचार सम्भालेंगे, जबकि शिवपाल और रामगोपाल यादव रणनीति सम्भालेंगे।