कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा था कि लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले विपक्षी पार्टियों की आठ साझा रैलियां होंगी। लेकिन उनके कहने के करीब दो महीने बाद तक एक भी साझा रैली नहीं हुई। अब इसकी शुरुआत पटना से हो रही है। पटना में तीन मार्च को विपक्षी गठबंधन की रैली होने वाली है। गांधी मैदान में तीन मार्च को राजद, कांग्रेस और लेफ्ट की साझा रैली होगी। बिहार के कई जिलों में वामपंथी पार्टियों का अच्छा आधार है और बिहार विधानसभा में उनके 16 विधायक हैं। सबको पता है कि अगर वामपंथी पार्टियां रैली करती हैं तो लोग बहुत सहज तरीके से जुट जाते हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि पटना की रैली में बड़ी भीड़ जुटेगी। वैसे भी राजद नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस समय बिहार का दौरा कर रहे हैं और उसमें भी भीड़ जुट रही है। सो, तीन मार्च की रैली बहुत बड़ी होगी।
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उस रैली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के शामिल होने की खबर है। नीतीश कुमार के विपक्षी गठबंधन से अलग होने के बाद पहली बार विपक्ष की रैली हो रही है, जिसमें राहुल गांधी और लालू प्रसाद एक मंच पर होंगे। तीनों बड़े कम्युनिस्ट नेता- सीताराम येचुरी, डी राजा और दीपांकर भट्टाचार्य रैली में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस और राजद (RJD) को कोशिश करनी चाहिए कि वे समाजवादी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं को भी रैली में आमंत्रित करें। इस तरह विपक्ष पहले दिन से अपनी एकजुटता दिखा सकता है। इसके बाद अगली रैली उत्तर प्रदेश या झारखंड में करने की प्लानिंग हो सकती है। बताया जा रहा है कि तीन मार्च को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बिहार दौरा हो सकता है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की एनडीए (NDA) में वापसी के बाद पहली बार दोनों की साझा रैली होने की खबर है।