बहुजन समाज पार्टी अब पूरी तरह से अकेले है। उसने जिन छोटी मोटी पार्टियों के साथ तालमेल किया था उन सबसे उसका संबंध समाप्त हो गया। बसपा ने पिछला लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिल कर लड़ा था लेकिन सपा की मदद से जीरो से 10 सीट पर पहुंचने के बाद ही उन्होंने तालमेल खत्म कर दिया था। पिछले महीने अपने जन्मदिन पर मायावती ने यह ऐलान कर दिया कि वे अगला लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी। हालांकि हाल के दिनों तक कहा जा रहा था कि कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत चल रही है और हो सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले वे फिर किसी गठबंधन का हिस्सा बनें, लेकिन अब उसकी संभावना लगभग समाप्त हो गई है।
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पिछले साल नवंबर के विधानसभा चुनाव में मायावती ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वहां की प्रादेशिक पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ तालमेल किया था। अब खबर आई है कि उसके साथ भी बसपा का तालमेल खत्म हो गया है। उन दोनों राज्यों में भी वह अकेले ही चुनाव लड़ेगी। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद बसपा ने पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणी अकाली दल के साथ तालमेल किया था। हालांकि दोनों पार्टियों को इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ। अब वहां भी दोनों पार्टियों के रास्ते अलग हो गए हैं। अकाली दल की बातचीत भाजपा से चल रही है तो बसपा अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है।