भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सरकारी बाबुओं के लिए सीटों की तलाश हो रही है। जो लोग पहले से लोकसभा में हैं, जैसे अपराजिता सारंगी या अर्जुनराम मेघवाल, उनके लिए तो कोई बात नहीं है लेकिन जो राज्यसभा में हैं या जिन्होंने अभी तक लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है उनके लिए सीटें खोजी जा रही हैं। बताया जा रहा है कि कम से कम दो ऐसे पूर्व अधिकारी हैं, जिनको इस बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ना है। एक हर्षवर्धन शृंगला हैं, जो पहले विदेश मंत्री रहे थे और दूसरे असीम अरुण हैं, जो उत्तर प्रदेश में कई अहम पदों पर रहे हैं। वे विधायक हैं लेकिन इस बार उनको लोकसभा का चुनाव लड़ाए जाने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि जाटव समाज से आने वाले असीम अरुण को पार्टी किसी सामान्य सीट से चुनाव लड़वा सकती है। अखिलेश यादव के परिवार की बेहद मजबूत कन्नौज सीट पर उनके लड़ने की चर्चा है। उस सीट पर अखिलेश या डिम्पल में से कोई लड़ेगा।
बताया जा रहा है कि हर्षवर्धन शृंगला पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। अभी एसएस अहलूवालिया इस सीट से सांसद हैं लेकिन इस बार उनको टिकट नहीं मिलेगी। भाजपा के दिग्गज जसवंत सिंह भी इस सीट से सांसद रहे हैं। तीन पूर्व अधिकारी नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। उनमें से हरदीप पुरी फिर से अमृतसर से लड़ सकते हैं, जहां वे पिछली बार हार गए थे। ओडिशा काडर के आईएएस रहे अश्विनी वैष्णव की राज्यसभा सीट का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। वे फिर से राज्यसभा में जाएंगे या ओडिशा से लड़ेंगे या अपने गृह राज्य राजस्थान से लड़ेंगे यह तय नहीं है। उनको राज्यसभा जाना है तो कोई दूसरा राज्य खोजना होगा। एस जयशंकर गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं लेकिन कहा जा रहा है कि तमिलनाडु की किसी सीट से वे चुनाव लड़ सकते हैं।