ऐसा लग रहा है कि अब लोकसभा के उपचुनाव नहीं होंगे। देश में इस समय पांच लोकसभा सीटें खाली हैं और इटावा के भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को मार-पीट के एक मामले में दो साल की सजा होने के बाद उनकी भी सीट खाली होगी। हालांकि अगले हफ्ते राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के मामले में हुई दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। अगर उनकी सदस्यता बहाल होती है और कठेरिया की जाती है तब भी पांच सीटें खाली रहेंगी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि इन सीटों पर चुनाव आयोग उपचुनाव नहीं कराएगा। अगर किसी सीट का कार्यकाल एक साल से कम का है तो आमतौर पर आयोग चुनाव नहीं कराता है।
ध्यान रहे अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव होने हैं। इसका मतलब है कि अब आम चुनाव में अधिकतम आठ महीने का समय है। अगर अभी उपचुनाव की घोषणा होती है तो उसमें कम से कम एक महीने का समय लगेगा। इसका मतलब है कि नए सांसदों के पास सात-आठ महीने से ज्यादा का कार्यकाल नहीं होगा। इसलिए उपचुनाव होने की संभावना कम है। जो सीटें खाली हैं उनमें उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट भी है, जहां के सांसद अफजाल अंसारी चार साल की सजा होने के बाद अयोग्य ठहराए गए हैं। इसके अलावा एक सीट हरियाणा के अंबाला की है, जहां के भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया का निधन हो गया है। बाकी दो सीटें महाराष्ट्र की हैं। चंद्रपुर से कांग्रेस के सांसद सुरेश नारायण धनोरकर और पुणे से भाजपा के सांसद गिरीश बापट का निधन हो गया है।