यह लाख टके का सवाल है कि कर्नाटक में इतने जतन से सजाया गया भाजपा का खेल कितना चल पाएगा? भाजपा ने एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस के साथ तालमेल किया और निर्दलीय सांसद सुमनलता अंबरीश को भी पार्टी में शामिल कर लिया। लेकिन मुश्किल यह थी कि देवगौड़ा परिवार हर हाल में मांड्या सीट पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ा हुआ था। वह परिवार का पुराना गढ़ रहा है। जेडीएस हासन और मांड्या सीट नहीं छोड़ सकती थी। मजबूरी में भाजपा को मांड्या सीट देवगौड़ा की पार्टी के लिए छोड़नी पड़ी। गौरतलब है कि सुमनलता अंबरीश इसी सीट से सांसद हैं। lok sabha sumanlata ambrish
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अब उन्होंने चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि वे एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं। ध्यान रहे पिछली बार उनके साथ एक सहानुभूति थी क्योंकि चुनाव से कुछ समय पहले ही उनके पति कन्नड़ फिल्मों के बड़े अभिनेता अंबरीश की मौत हुई थी। इस सहानुभूति के अलावा भाजपा ने भी उनको समर्थन दिया था। इसलिए वे चुनाव जीत गई थीं। इस बार भाजपा और जेडीएस साथ मिल कर लड़ रहे हैं और सीधा मुकाबला कांग्रेस से होगा तो सुमनलता अंबरीश के लिए मुश्किल हो सकती है।
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तभी यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वे कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ सकती हैं? इसके लिए उनको भाजपा से इस्तीफा देना होगा। बहरहाल, उन्होंने कहा है कि वे अपने अगले कदम के बारे में तीन अप्रैल को फैसला करेंगी। अगर वे भाजपा से अलग होती हैं तो इससे भाजपा के चुनाव अभियान को झटका लगेगा।