विपक्षी पार्टियां लोकसभा चुनाव 2024 में चार सौ सीट के जाल में उलझ गई है। ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जान बूझकर यह जुमला बोला था। उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बहाने भाजपा को 370 सीट मिलने का दावा किया और साथ ही इसका ढिंढोरा पीटना शुरू कर दिया कि इस बार के चुनाव में एनडीए को चार सौ से ज्यादा सीटें मिलेंगी। यह बहुत कमाल का संयोग हुआ कि इस साल वोटों की गिनती चार जून को होगी, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी के नेता यह नारा दे रहे हैं कि चार जून को चार सौ पार।
चुनाव आयोग की घोषणा से चार का अनुप्रास बन गया। हैरानी की बात यह है कि भाजपा के साथ साथ कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेता भी इसी नारे को बार बार दोहरा रहे हैं। यहां तक मजाक उड़ाने के लिए ही सही लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भी अबकी बार चार सौ पार का नारा दोहराया, जिसके बाद भाजपा के लोगों ने कहना शुरू किया कि अब तो कांग्रेस अध्यक्ष भी मान रहे हैं कि चार सौ से ज्यादा सीटें भाजपा को मिलेंगी।
असल में खड़गे ने कहा था कि भाजपा अबकी बार चार सौ पार का नारा दे रही है लेकिन जनता इस बार उनको दो सौ के नीचे रोक देगी। लेकिन सवाल है कि इस बात को बार बार दोहराने की क्या जरुरत है कि भाजपा कितनी सीटें मिलने का दावा कर रही है? भाजपा या कोई भी पार्टी कुछ भी दावा कर सकती है। लेकिन मुश्किल यह है कि चार सौ सीट का भाजपा का नारा कांग्रेस नेताओं के दिमाग में अटक गया है। तभी राहुल गांधी ने भी कहा कि भाजपा दो सौ सीटों का आंकड़ा नहीं पार करेगी। कांग्रेस के हर नेता का प्रचार इसी बात से शुरू हो रहा है कि भाजपा कह रही है कि चार सौ सीट मिलेगी। इसका नतीजा यह हो रहा है कि आम लोगों के मन में भी यह बात बैठ रही है। उसके अवचेतन में यह बात बैठ रही है कि भाजपा फिर से मजबूत सरकार बनाने वाली है। यह धारणा के स्तर पर विपक्ष को नुकसान पहुंचा सकता है।
सिर्फ कांग्रेस इस जाल में नहीं उलझी है, प्रादेशिक पार्टियां भी इसमें फंसी हैं। ऐसी प्रादेशिक पार्टियां, जो गिनती की सीटों पर लड़ रही हैं और एक राज्य की पार्टी हैं उनको भी भाजपा का चार सौ पार का नारा दोहराने में मजा आ रहा है। बिहार में तेजस्वी यादव और उनके साथ दूसरे विपक्षी नेता भी कह रहे हैं कि भाजपा चार सौ सीट की बात कर रही है उसे दो सौ से पहले रोक देंगे। हकीकत यह है कि बिहार में राजद और अन्य विपक्षी पार्टियों को भाजपा की 17 सीटों से कम पर रोकना है। लेकिन वे चर्चा चार सौ सीट की करते हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा को इस बार 180 सीट पर रोक दिया जाएगा। लेकिन इससे पहले वे भाजपा के चार सौ सीट के नारे को भी दोहराती हैं। अगर वे भाजपा को 370 के नीचे रोकना चाहती हैं तो उनको अपने राज्य में भाजपा को 18 सीट मिलने से रोकना होगा। लेकिन उन 18 सीटों की बजाय वे पूरे देश की सीटों की बात कर रही हैं और भाजपा के नारे को आगे बढ़ा रही हैं।