लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एक्जिट पोल के अनुमानों एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की बड़े बहुमत की सरकार का दावा कर रहे हैं। कुल 13 एक्जिट पोल सामने आए हैं, जो किसी न किसी एजेंसी ने किसी न किसी मीडिया समूह के लिए किया है। सबकी संख्या अलग अलग है लेकिन लगभग सबने भाजपा को तीन सौ से ऊपर और एनडीए को साढ़े तीन सौ से ऊपर सीट मिलने का अनुमान जताया है। इन 13 एक्जिट पोल का औसत निकालें यानी पोल ऑफ द पोल्स की बात करें तो उसके मुताबिक भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 365 और कांग्रेस वाले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को 145 सीटें मिलेंगी। बची हुई 33 सीटें अन्य के खाते में जाएंगी।
एक्जिट पोल के नतीजे आने के बाद से यह सवाल उठ रहा है कि वास्तविक आंकड़े क्या होंगे। यह सवाल हर बार उठता है। विपक्षी पार्टियां दावा करती हैं कि एक्जिट पोल प्रायोजित है और वास्तविक नतीजे इससे अलग होंगे। लेकिन पिछले तीन एक्जिट पोल के नतीजे कुछ और कहानी बयां करते हैं। 2009, 2014 और 2019 में जितने एक्जिट पोल हुए थे और उन्होंने जिस पार्टी को जीतता हुआ दिखाया था उसको अनुमानों से ज्यादा सीटें आई थीं। हर बार वास्तविक नतीजे अलग होने का विपक्ष का दावा निराधार रहा और उलटे जीतने वाली पार्टी को एक्जिट पोल के अनुमान से ज्यादा सीटें मिलीं।
पिछले लोकसभा चुनाव में यानी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार जनादेश लेने के लिए लड़ रहे थे और पुलवामा कांड से लेकर उरी और बालाकोट स्ट्राइक हो चुका था। तब मतदान के आखिरी दौर के बाद 13 एक्जिट पोल अनुमान आए, जिनका औसत यानी पोल ऑफ द पोल्स के मुताबिक भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 306 और यूपीए को 120 सीट का अनुमान जाहिर किया गया था। लेकिन असल में एनडीए को 353 और यूपीए को 93 सीटें आईं। यानी एनडीए को एक्जिट पोल अनुमान से 47 सीटें ज्यादा मिलीं। इससे पहले 2014 में आठ एक्जिट पोल के अनुमान आए थे, जिनका औसत था एनडीए को 283 और यूपीए को 105 सीट मिलेगी। लेकिन असल में एनडीए को 336 और यूपीए को 60 सीटें मिलीं। यानी एनडीए को अनुमान से 53 सीटें ज्यादा मिलीं।
उससे भी पहले 2009 में जब मनमोहन सिंह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए लड़ रहा थे तब चार एक्जिट पोल के नतीजे आए थे, जिनके औसत के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए को 195 और एनडीए को 185 सीटें मिलनी थीं। लेकिन असल में यूपीए को 262 और एनडीए को 158 सीटें मिलीं। यानी यूपीए को अनुमान से 67 सीटें ज्यादा मिलीं। क्या चौथी बार भी ऐसा हो सकता है कि एक्जिट पोल के अनुमान एनडीए को जितनी सीटें दे रहे हैं असल में उसे उससे ज्यादा सीट मिले? अब चुनाव नतीजों की दिशा तो मिल चुकी है लेकिन अगर एनडीए को अनुमान से ज्यादा सीटें आईं तो यह कांग्रेस और दूसरी तमाम विपक्षी पार्टियों के लिए बहुत बुरा संदेश होगा। कांग्रेस के सामने तो सही अर्थों में अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाएगा।