आखिरकार फिर से लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के परिवार के पांच सदस्य चुनाव मैदान में आ गए। जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के दावेदारे के तौर पर चुनाव लड़ा था यानी 2014 में तब समाजवादी पार्टी पांच सीटों पर जीती थी और पांचों परिवार के सदस्य थे। स्वंय मुलायम सिंह यादव के अलावा डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव और अक्षय यादव सांसद का चुनाव जीते थे। यानी मुलायम सिंह, उनकी बहू, दो भतीजे और एक पोता चुनाव जीते थे। उसके बाद यानी 2019 में बसपा के साथ तालमेल होने के बावजूद सपा के पांच ही सदस्य जीत पाए, जिनमें परिवार के दो ही सदस्य जीते। इस बार मुलायम सिंह नहीं हैं और अखिलेश यादव को चुनाव नहीं लड़ना था। ऊपर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद का इतना हल्ला मचा रखा है तो ऐसा लग रहा था कि इस बार के चुनाव में परिवार के कुछ कम सदस्य लड़ेंगे। लेकिन मंगलवार तक घोषित करीब 60 उम्मीदवारों में परिवार के पांच सदस्यों के नाम की घोषणा हो चुकी है।
ताजा घोषणा तेज प्रताप यादव की हुई है, जो कन्नौज सीट से चुनाव लड़ेंगे। वे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के भतीजे हैं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के दामाद हैं। वे 2014 में लोकसभा का चुनाव जीते थे। उनके अलावा अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव फिर से मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रही हैं। बदायूं से कई बार सांसद रहे धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार अखिलेश यादव इस सीट से जीते थे और विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। तब धर्मेंद्र यादव उपचुनाव लड़े लेकिन 10 हजार के करीब वोट से हार गए थे। उनकी हार बसपा के गुड्डू जमाली की वजह से हुई थी, जिनको पौने तीन लाख के करीब वोट आया था। इस बार गुड्डू जमाली सपा में शामिल हो गए हैं। धर्मेंद्र यादव की पारंपरिक बदायूं सीट पर इस बार अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव लड़ रहे हैं। इस सीट पर पहले धर्मेंद्र का नाम घोषित हुआ, फिर उनकी जगह शिवपाल के नाम की घोषणा हुई और अंत में आदित्य को टिकट दी गई। फिरोजाबाद सीट पर रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनाव लड़ेंगे।