लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। उसके बाद 26 अप्रैल को 13 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर मतदान हुआ। मतदान के बाद एक सीट पर भाजपा के प्रत्याशी का निधन हो गया। सो, अब तक 189 सीटें पर मतदान हो चुका है और चुनाव आयोग ने कहा है कि 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो गई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पहले चरण के मतदान के 10 दिन बाद और दूसरे चरण के तीन दिन बाद तक चुनाव आयोग ने मतदान का आधिकारिक आंकड़ा नहीं जारी किया। हालांकि मतदान की रियल टाइम में जानकारी देने वाले ऐप पर इसके बारे में जानकारी है। मीडिया समूहों ने चुनाव आयोग के सूत्रों आदि के आधार पर आंकड़े जारी किए हैं, जो अलग अलग हैं। पहले चरण में 62 से 68 फीसदी तक के आंकड़े हैं तो दूसरे चरण में 61 से 69 फीसद तक के आंकड़े हैं।
दो चरण के मतदान का वास्तविक आंकड़ा क्या है यह चुनाव आयोग ने नहीं बताया है। 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के बाद चुनाव आयोग की ओर से जो प्रेस रिलीज जारी हुई वह आयोग की वेबसाइट पर है, जिसमें कहा गया है कि 60 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। दूसरे चरण के मतदान के बाद जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि 60.96 फीसदी मतदान हुआ। दोनों प्रेस रिलीज में लिखा है कि आंकड़े रात सात बजे तक के हैं। आमतौर पर मतदान के बाद चुनाव आयोग की एक प्रेस कांफ्रेंस होती है, जिसमें न सिर्फ मतदान के आंकड़े दिए जाते हैं, बल्कि यह भी बताया जाता है कि कहां हिंसा हुई, कहां ईवीएम खराब हुई, कहां मतदान में देरी हुई और कहां ईवीएम बदली गई। इस बार दोनों चरणों के बाद प्रेस कांफ्रेंस नहीं हुई और न मतदान के 24 घंटे या 48 घंटे बाद आधिकारिक आंकड़े जारी करने की परंपरा कायम रही है। अब भी हर जगह अंतरिम आंकड़ों के आधार पर आकलन किया जा रहा है। कहीं भी आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं। सोचें, अगर आधिकारिक आंकड़ों में मत प्रतिशत बढ़ गया तो क्या होगा?