अयोध्या में राममंदिर का निर्माण होने और रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी आ रही है। भारतीय जनता पार्टी इसे बड़ा आयोजन बना रही है। दूसरी खास बात यह है कि रामनवमी के दिन ही पहले चरण के लिए प्रचार समाप्त होगा और दो दिन के बाद यानी 19 अप्रैल को 102 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा।
तीसरी बात यह है कि बिहार, झारखंड से लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक में कई इलाके ऐसे हैं, जहां रामनवमी के मौके पर हिंसक झड़प होती है या शांति भंग होती है। जुलूस की वजह से कई जगह तनाव पैदा होता है, जो कई दिन तक बना रहता है। उसी बीच पहले चरण का मतदान होना है। अब उसमें एक खास बात यह जुड़ गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लोगों से रामनवमी के नाम पर वोट करने की अपील कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को बिहार के नवादा में एक चुनावी रैली में लोगों से कहा कि वे याद रखें रामनवमी आ रही है और जिन्होंने पाप किया है उनको वोट के जरिए सजा देनी है। एक तरफ इस नाम पर वोट लेने की कोशिश है और दूसरी ओर भाजपा इस प्रचार में लगी है कि कांग्रेस और दूसरी तमाम विपक्षी पार्टियों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया था। संभवतः प्रधानमंत्री इसे ही पाप बता कर इसकी सजा देने की अपील कर रहे थे।
यह अलग बात है कि किसी विपक्षी पार्टी ने राम मंदिर का विरोध नहीं किया था। वैसे भी राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हो रहा था और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी पार्टियों ने स्वीकार कर लिया था। फिर भी भाजपा विपक्षी पार्टियों को इस नाम पर पापी बता रही हैं और रामनवमी के त्योहार के दो दिन बाद उनको सजा देने की अपील कर रही है। पता नहीं चुनाव आयोग तक भी यह बात पहुंची ही होगी लेकिन चुनाव आयोग से क्या उम्मीद करना!