समाजवादी पार्टी ने चुनाव की घोषणा से पहले जब लोकसभा के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान शुरू किया तो सबको बड़ी हैरानी हुई थी। ऐसा लगा था जैसे सपा बहुत सोच समझ कर काम कर रही है और उसने पहले से तैयारी की थी इसलिए उम्मीदवारों के नाम पहले घोषित कर रही है। लेकिन जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ा वैसे वैसे सपा ने उम्मीदवार बदलने शुरू कर दिए। उसने 45 के करीब उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें से छह सीटों पर उम्मीदवार बदला गया है।
एक सीट पर तो दूसरी बार उम्मीदवार बदलने की स्थिति दिख रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को बदायूं सीट पर टिकट दी गई थी। लेकिन बाद में दूसरी सूची में उस सीट से शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया और अब कहा जा रहा है कि वे अपने बेटे को वहां से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। सो, हो सकता है की एक बार फिर उम्मीदवार बदले।
बदायूं से हटा कर धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ भेजा गया, जहां से उपचुनाव लड़े थे और कांटे की टक्कर में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने उनको हराया था। बहरहाल, सपा ने रामपुर और मुरादाबाद सीटों पर दो दो उम्मीदवारों को टिकट दे दिया। मुरादाबाद में मौजूदा सांसद एसटी हसन भी नामांकन करने पहुंच गए और रूचि वीरा भी। बाद में हसन को हटाया गया। ऐसे ही रामपुर में आसिम रजा ने भी नामांकन किया और मोहिउद्दीन नदवी ने भी। बाद में आसिम रजा हटे।
समाजवादी पार्टी ने इसी तरह गौतमबुदध नगर सीट पर उम्मीदवार बदला है। पहले राहुल अवाना को पार्टी ने टिकट दिया था लेकिन अब महेंद्र नागर सपा के उम्मीदवार बनाए गए हैं। बिजनौर से सपा ने यशवीर सिंह को टिकट दिया था लेकिन बाद में उन्हें हटा कर दीपक सैनी को टिकट दिया। समाजवादी पार्टी ने मेरठ सीट पर एक वकील भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया गया था। बाद में उनको हटा कर अतुल प्रधान को टिकट दिया गया। अब कहा जा रहा है कि अतुल प्रधान को भी बदल कर पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी और पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।