राहुल गांधी ने बहुत स्पष्ट अंदाज में कहा हुआ है कि पार्टी के दिग्गज नेताओं को लोकसभा का चुनाव लड़ना होगा। जिनको राज्यसभा मिल गई उनका तो ठीक है लेकिन जो सांसद हैं, राज्यों में मंत्री हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री हैं उनमें से कई लोगों को चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है। राज्यसभा सांसदों को भी चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है। दीपेंद्र हुड्डा मिसाल हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी चाहती है कि वे रोहतक सीट से चुनाव लड़ें।
पिछली बार वे महज पांच सौ वोट से हारे थे। दूसरी मिसाल रणदीप सुरजेवाला हैं, जो राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। उनको भी चुनाव लड़ने को कहा गया है। अगर ये दोनों जीते तो कांग्रेस को राज्यसभा की दो सीटों का नुकसान होगा लेकिन वह इसके लिए तैयार है। इसी तरह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा गया है। वे भी पिछली बार चुनाव हार गए थे। कुमारी शैलजा को भी लोकसभा चुनाव लड़ना है।
राहुल गांधी चाहते हैं कि मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ें। कमलनाथ को भी लड़ने को कहा गया था कि लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू को टिकट मिल गई है और संभव है कि टीएस सिंहदेव को भी चुनाव में उतारा जाए। राजस्थान में अशोक गहलोत के बेटे वैभव को इस बार नई सीट से टिकट मिलने की बात है। कहा जा रहा है कि गहलोत सीनियर खुद लड़ने को तैयार नहीं हैं। हालांकि सचिन पायलट को लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा गया है।
दिग्गज नेताओं को चुनाव में उतारने का संदेश देते हुए ही कांग्रेस ने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी टिकट दी है। उधर कर्नाटक में रमेश जरकिहोली सहित सरकार के कई मंत्रियों को चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है। मध्य प्रदेश में अरुण यादव और जीतू पटवारी दोनों चुनाव लड़ सकते हैं।