भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिल कर कुछ सुझाव दिए हैं। भाजपा का एक सुझाव तो ठीक है कि सभी मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी कराई जानी चाहिए। अभी जो नियम है उसके हिसाब से 50 फीसदी मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी होती है। अगर भाजपा का सुझाव स्वीकार किया जाता है तो हर बूथ पर वीडियोग्राफी होगी। लेकिन भाजपा का दूसरा सुझाव अजीबोगरीब है। Lok Sabha election 2024
भाजपा ने आशंका जताई है कि मतदान केंद्रों पर बोगस वोटिंग होती है या फर्जी मतदान होता है इसलिए मतदाताओं की दोहरी पहचान की जाए। हालांकि मतदताओं की पहचान के लिए पहचान पत्र के अलावा हर पार्टी के पोलिंग एजेंट भी बैठे होते हैं। महानगरों और कुछ बड़े शहरों को छोड़ दें तो ज्यादातर पोलिंग एजेंट मतदाताओं को पहचान रहे होते हैं।
गौरतलब है कि अभी मतदानकर्मी मतदाता पहचान पत्र की फोटो और मतदाता सूची की फोटो के साथ मतदाता का मिलान करते हैं, उसके बाद उसकी उंगली पर स्याही लगाई जाती है और फिर उसे ईवीएम बूथ में भेजा जाता है। भाजपा चाहती है कि मतदान केंद्र में प्रवेश करने पर मतदाता की फोटो खींची जाए और उसका मिलान उसके पहचान पत्र और मतदाता सूची के साथ किया जाए। इसका कोई तर्क समझ में नहीं आता है। Lok Sabha election 2024
जब मतदाता सामने है तो सीधे उसकी शक्ल का मिलान करने की बजाय फोटो खींचने की क्या तुक है? अगर फोटो खींची गई तो उसमें अतिरिक्त समय लगेगा, जिससे मतदान की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी। इस तरह के सुझाव का कोई मकसद भी समझ में नहीं आ रहा है? विपक्षी पार्टियां भाजपा पर मतदान में गड़बड़ी के आरोप लगा हैं तो भाजपा ने बोगस वोटिंग का मामला उठा दिया है। Lok Sabha election 2024
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