बिहार में पहले चरण की चार सीटों पर मतदान के बाद दोनों गठबंधनों की चिंता बढ़ी है। दोनों के नेता हिसाब लगा रहे हैं और अपने अपने कोर वोट को लेकर चिंता में हैं। राजद और कांग्रेस के महागठबंधन का कोर वोट भी पहले चरण में टूटने की खबर है तो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के कोर वोट में भी बिखराव है। बिहार में पहले चरण की जिन चार सीटों पर मतदान हुआ उनमें से नवादा और औरंगाबाद सीट पर राजद ने कुशवाहा उम्मीदवार उतारा था और खबर है कि कुशवाहा वोट का एक हिस्सा उनके साथ गया है। इसी तरह नवादा में राजद से बागी होकर चुनाव लड़े विनोद यादव के साथ अच्छी खासी संख्या में यादव गए हैं। इतना ही नहीं कुछ मुस्लिम वोट भी उनके साथ जाने की खबर है।
जमुई में चिराग पासवान ने अपने बहनोई अरुण भारती को चुनाव लड़ाया है लेकिन वे भी मुश्किल मुकाबले में फंसे हैं क्योंकि पासवान छोड़ कर रविदास और महादलित वोट का एक हिस्सा राजद की उम्मीदवार अर्चना रविदास के साथ गया है। गया में जरूर जीतन राम मांझी के साथ दलित एकजुट रहा लेकिन जमुई में वोटों में बिखराव की खबर है। औरंगाबाद में भाजपा का राजपूत उम्मीदवार होने के बावजूद राजपूत मतदाताओं में जोश नहीं होने की खबर है। सो, दोनों तरफ चिंता है। मतदान 50 फीसदी से कम होने की वजह से भी दोनों खेमों में चिंता है। मतदान के बाद दोनों गठबंधनों के आला नेताओं की बैठक हुई है और आक्रामक प्रचार और मतदाताओं को घर से निकालने के उपाय करने का फैसला हुआ है। मोटे तौर पर बिहार में मतदाता पार्टियों के प्रति निष्ठा से ज्यादा जाति को देख कर वोट करते दिखे हैं।