ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक भाजपा के दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने समय से पहले बयान दे दिया। उन्होंने ऐलान कर दिया कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा और जेडीएस मिल कर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जेडीएस को चार सीट देने पर राजी हुए हैं। येदियुरप्पा का आकलन है कि दोनों पार्टियां साथ लड़ेंगी तो फिर से 25-26 सीट जीत जाएंगी। लेकिन इसके तुरंत बाद जेडीएस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने उनकी बात का खंडन कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा और जेडीएस के बीच बातचीत हुई है लेकिन सीटों का बंटवार नहीं हुआ है और न अभी गठबंधन के बारे में अंतिम फैसला हुआ है।
असल में जेडीएस के नेता चार सीट पर राजी नहीं हैं। उनका दावा छह सीट का है और कम से कम पांच सीट उनको चाहिए। येदियरप्पा नेकहा कि बेंगलुरू ग्रामीण, चिकबल्लापुर, हसन और कोलार सीट जेडीएस को दी जाएगी। यह बहुत हैरान करने वाली घोषणा इसलिए भी थी कि इसमें जेडीएस का गढ़ माने जाने वाले मांड्या और तुमकुरू का नाम नहीं है। पिछले चुनाव में मांड्या से एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल लड़े थे और तुमकुरू से खुद एचडी देवगौडा से लड़े थे, जो महज 14 हजार वोट से हार गए थे। जेडीएस को ये सीटें चाहिएं। दूसरी ओर भाजपा की दिक्कत यह है कि पिछली बार मांड्या से निर्दलीय जीतीं सुमलता अंबरीश अब भाजपा में आ गई हैं। सो, उनकी सीट जेडीएस को नहीं दी जा सकती है। जेडीएस की दूसरी दिक्कत यह है कि पिछली बार देवगौड़ा और उनके दो पोते निखिल व प्रज्जावल लोकसभा चुनाव लड़े थे। इस बार चौथा सदस्य भी लड़ सकता है। इसलिए जेडीएस को कम से कम पांच सीट तो जाहिए।