कर्नाटक में भाजपा और जनता दल एस के बीच तालमेल हो गया है लेकिन सीटों का बंटवारा अभी बाकी है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने जेडीएस की ओर से सीटों की बात करने का जिम्मा पूरी तरह से अपने बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर छोड़ा है। बताया जा रहा है कि एक या दो दिन में भाजपा के साथ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा होगी। पहले खबर आई थी कि भाजपा की ओर से जेडीएस के लिए तीन या चार सीटें छोड़ी जाएंगी लेकिन जेडीएस पांच सीट से कम सीट पर सहमत नहीं है। वह अपने असर वाले यानी वोक्कालिगा वोट के असर वाले इलाके की पांच सीटों पर दावा कर रही है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक जेडीएस ने अपनी चार पारंपरिक सीटों के अलावा चिकबल्लापुर सीट भी मांगी है। पिछली बार इस सीट पर वह नहीं लड़ी थी। उसने तब की अपनी सहयोगी कांग्रेस के लिए यह सीट छोड़ी थी, जहां से वीरप्पा मोईली चुनाव लड़े और हारे थे। इस बार जेडीएस ने इस पर भी दावा किया है। इसके अलावा उसने बेंगलुरू ग्रामीण, तुमकुरू, हासन और मांड्या सीट पर दावेदारी की है। ये चारों उसकी पारंपरिक सीटें हैं। तुमकुरू सीट पर खुद एचडी देवगौडा चुनाव लड़े थे और महज 14 हजार वोट से हारे थे। हासन सीट पर उनके पोते प्रज्वाल रेवन्ना चुनाव जीते हैं, जबकि मांड्या सीट पर दूसरे पोते निखिल कुमारस्वामी चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। असली दिक्कत इसी सीट को लेकर है क्योंकि इस सीट पर भाजपा की मदद से निर्दलीय चुनाव जीतीं सुमनलता अंबरीश अब भाजपा में शामिल हो गई हैं और इस सीट पर प्रबल दावेदार हैं। जेडीएस यह सीट छोड़ने को राजी नहीं है। ऐसे में भाजपा सुमनलता अंबरीश को कहां एडजस्ट करेगी यह देखने वाली बात होगी। अगर यह सीट मिलती है तो जेडीएस चार सीटों पर राजी हो जाएगी।