पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस ने भाजपा से तालमेल कर लिया है। इस तालमेल से पहले देवगौड़ा ने कहा था कि वे पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए भाजपा से तालमेल कर रहे हैं। तभी सवाल है कि क्या तालमेल के बाद अब जेडीएस का अस्तित्व सुरक्षित हो गया? असल में अभी ऐसा लग रहा है कि जेडीएस ने तालमेल इसलिए किया है ताकि अगले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ लड़ कर दो-तीन सीटें पर जीत मिल जाए तो देवगौड़ा परिवार के सदस्यों की राजनीति चलती रहे। लेकिन यह सिर्फ लोकसभा चुनाव में कुछ सीटें जीतने का मामला नहीं है। असली मामला अपने जीते हुए 19 विधायकों की रक्षा करना है।
असल में मई में कांग्रेस के चुनाव जीत कर राज्य में सरकार बनाने के बाद से ही इस बात की चर्चा चल रही है कि जेडीएस के 15 विधायक टूट रहे हैं और टूट कर कांग्रेस में जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इस अभियान को अंजाम देंगे। कांग्रेस नेताओं ने इसे ‘ऑपरेशन हस्त’ नाम दिया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक देवगौड़ा परिवार ने कांग्रेस के इस अभियान को फेल करने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया। उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ जाने के बाद जेडीएस के विधायक नहीं टूटेंगे और कांग्रेस भी उन्हें तोड़ने की हिम्मत नहीं करेगी। भाजपा, केंद्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के नाम पर देवगौड़ा परिवार अपनी पार्टी बचने की आस में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटनाक्रम के बाद डीके शिवकुमार का अभियान कैसे आगे बढ़ता है।