कांग्रेस पार्टी को सिर्फ लोकसभा चुनाव में ही अच्छी सफलता नहीं मिली है, बल्कि हिमाचल प्रदेश की उसकी सरकार भी सुरक्षित हो गई है। हिमाचल प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिनमें से कांग्रेस ने चार सीटें जीत ली है। गौरतलब है कि कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट दिया था। क्रॉस वोटिंग के आरोप में कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर से शिकायत की और इन सभी छह विधायकों की सदस्यता समाप्त करा दी। बाद में ये सभी छह विधायक भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने उपचुनाव में इन सभी को उम्मीदवार भी बना दिया।
भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े छह पूर्व कांग्रेसी विधायकों में से चार चुनाव हार गए। कांग्रेस ने लाहौल स्पीति, सुजानपुर, गरगेट और कुटलेहर सीट जीत ली है। भाजपा को सिर्फ बरासर और धर्मशाला सीट मिली है। अभी विधानसभा का जो गणित उसमें कांग्रेस के 34 और भाजपा के 25 विधायक हैं। तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो गया है। इसका मतलब है कि छह सीटों के नतीजे आने के बाद विधानसभा की संख्या 65 की होगी, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 33 का होगा। चार सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस की संख्या 37 हो गई है, जबकि भाजपा 27 सीटों पर है। सो, राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार सुरक्षित हो गई है।