केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बारे में चुनाव के बाद फैसला किया जाएगा। उनसे पूछा गया था कि क्या भाजपा ने इन दोनों का विकल्प खोज लिया है। इस पर उन्होंने कहा था कि दोनों नेता अपने अपने राज्य में खूब मेहनत कर रहे हैं और इनके बारे में फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा। इन दोनों के साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी नाम जोड़ा जा सकता है। ये तीनों एक साथ 2003 में मुख्यमंत्री बने थे। इस बार तीनों की भूमिका स्पष्ट नहीं है। यह किसी को पता नहीं है कि अगर भाजपा जीतती है तो इनको मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या इनकी कोई नई भूमिका होगी। जानकार सूत्रों के मुताबिक मौजूदा हालात में इन तीनों के लिए मुख्यमंत्री बनना मुश्किल दिख रहा है।
अगर चुनाव नतीजे ऐसे आते हैं, जिनमें आजमाए हुए नेता को कमान देने की जरूरत पड़ी तभी ये लोग मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इस बात की मिसाल दी जा रही है कि 2019 में कर्नाटक में और 2020 में मध्य प्रदेश में भाजपा को बीएस येदियुरप्पा और शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा था। अगर हालात वैसे बनते हैं तब तो पुराने क्षत्रपों के लिए मौका बनेगा। अन्यथा राज्य की राजनीति में उनका करियर समाप्त होगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक तीनों नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है। ध्यान रहे पिछले कई बरसों से चर्चा रही है कि शिवराज और वसुंधरा को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। अब तक ये नेता इसे टालते रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि जिस राज्य में भाजपा बड़ी जीत हासिल करेगी वहां कोई नया नेता सीएम होगा और पुराने क्षत्रप को केंद्र की राजनीति में लाया जाए। केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। जहां भाजपा हारेगी वहां के नेता भी केंद्र में मंत्री बनाए जा सकते हैं क्योंकि पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव में सभी बड़े क्षत्रपों की जरूरत है।
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