जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ऐसा लग रहा है कि बारामूला लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ कर फंस गए हैं। पहले तो लड़ाई उनके लिए बहुत आसान दिख रही थी लेकिन अब लग रहा है कि त्रिकोणात्मक लड़ाई में उनके लिए मुश्किल बढ़ गई है। पहले लग रहा था कि उमर अब्दुल्ला की सीधी लड़ाई सज्जाद लोन से होगी। लेकिन बाद में इंजीनियर राशिद ने भी नामांकन कर दिया। वे अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं और उनकी तरफ से उनके बेटे अबरार राशिद चुनाव प्रचार संभाल रहे हैं। राशिद के मैदान में उतरने से बारामूला सीट पर लड़ाई घमासान हो गई है। उनके प्रति लोगों की सहानुभूति है और लोग उनके पक्ष में गोलबंद होते दिखाई दे रहे हैं।
ध्यान रहे इंजीनियर राशिद दो बार विधायक रहे हैं और पिछले चुनाव में भी बारामूला सीट पर उनको एक लाख से ज्यादा वोट आया था। वे तीसर स्थान पर रहे थे लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के जीते हुए उम्मीदवार को एक लाख 40 हजार के करीब ही वोट मिले थे। इस बार राशिद को जैसा समर्थन मिल रहा है उससे उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन दोनों की चिंता बढ़ी है। नेशनल कांफ्रेंस में इस बात की चर्चा हो रही है कि उमर को अपने पिता फारूक अब्दुल्ला की पारंपरिक श्रीनगर सीट से ही चुनाव लड़ना चाहिए था। यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार इंजीनियर राशिद सहानुभूति के आधार पर चुनाव जीत भी सकते हैं।