कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव में हुए तालमेल आगे भी जारी रहेगा। राज्य में अगले कुछ दिन में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस और सपा दोनों इन सीटों पर मिल कर चुनाव लड़ेंगे। इनमें एक सीट सीसामऊ की है, जो समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को एक मामले में सजा होने की वजह से खाली हुई है और बाकी सीटें विधायकों के लोकसभा का चुनाव जीतने की वजह से खाली हुई हैं। इनमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह की करहल सीट भी है। बताया जा रहा है कि इस सीट पर अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ सकते हैं। वे लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं और पहले सांसद रह चुके हैं। फैजाबाद सीट से चुनाव जीतने वाले अवधेश प्रसाद की विधानसभा सीट भी खाली हुई है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होगा उनमें से एक या दो सीट पर कांग्रेस लड़ सकती है और बाकी सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में जाएंगी। कांग्रेस जिन सीटों पर उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है उनमें एक सीट गाजियाबाद की है, जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की डॉली शर्मा को पांच लाख से ज्यादा वोट आए। खैर सीट की भी कांग्रेस मांग कर सकती है। हालांकि समाजवादी पार्टी ने कहा है कि उपचुनाव की सीटों में कांग्रेस की कोई सीट नहीं है। फिर भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ सद्भाव बनाए रखने के लिए उसे एक या दो सीट दे सकते हैं। खाली हुई सीटों में से चार सीटें सपा की और तीन भाजपा की। एक एक सीट रालोद और निषाद पार्टी की है। कांग्रेस इन्हीं में से दो या तीन सीट मांग रही है।