सात राज्यों की 13 सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजों ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। वह इन 13 में से 11 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे सिर्फ दो सीट मिली है। वह हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर और मध्य प्रदेश की अमरावाड़ा सीट है। बाकी नौ सीटों पर वह चुनाव हार गई। बिहार की एक सीट पर उसकी सहयोगी जनता दल यू को भी हार मिली है। सो, कुल 13 में से एनडीए को दो सीटें मिलीं हैं। बाकी सारी 10 सीटें ‘इंडिया’ ब्लॉक के खाते में गई हैं। कांग्रेस ने पांच सीटें जीती हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस को चार सीट मिली है। एक सीट डीएमके को मिली है और एक सीट आम आदमी पार्टी के खाते में गई है। एक सीट निर्दलीय ने जीती है। भाजपा के लिए सांत्वना की एक बात यह है कि पंजाब की जालंधर सीट पर उसका उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा और कांग्रेस तीसरे स्थान पर चली गई।
उपचुनावों के इन नतीजों के बाद भाजपा को अगले कुछ दिन में होने वाले बाकी उपचुनावों की चिंता होने लगी है। अगले कुछ दिनों में देश भर के कई राज्यों में मिनी उपचुनाव होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर तो बिहार में चार सीटों पर उपचुनाव होना है। पश्चिम बंगाल में छह सीटों पर उपचुनाव होगा। इनमें से ज्यादातर सीटों पर चुनाव विधायकों के सांसद बन जाने की वजह से होगा। यह देखना होगा कि ये उपचुनाव अलग से होते हैं या अगले कुछ दिन में होने वाले चार राज्यों के साथ इनके चुनाव होते हैं। अभी उपचुनाव के जैसे नतीजे आए हैं उनसे तो ऐसा लग रहा है कि भाजपा चाहेगी कि ये उपचुनाव राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों के साथ ही हो। हालांकि फैसला चुनाव आयोग को करना होता है।