कर्नाटक में भाजपा का राजनीति पिछले ढाई तीन दशक से बीएस येदियुरप्पा के ईर्द गिर्द ही घूम रही है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में हारने के बाद लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर पूरा भरोसा येदियुरप्पा पर ही किया है। लेकिन येदियुरप्पा की एकछत्र कमान बनवाने से पार्टी के अनेक नेता नाराज हैं। ऐसे ही एक नाराज नेता केएस ईश्वरप्पा ने शिवमोगा से येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। पार्टी के शीर्ष नेताओं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के समझाने के बावजूद ईश्वरप्पा ने नाम वापस नहीं लिया। तभी नाम वापसी की तारीख बीतने के बाद भाजपा ने ईश्वरप्पा को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। फिर भी वे क्षेत्र में डटे हैं और कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करने के लिए वे चुनाव जीतेंगे।
अब इस सीट पर भाजपा खास कर येदियुरप्पा की मुश्किल बढ़ रही है। ईश्वरप्पा चार दशक से भाजपा की राजनीति में सक्रिय हैं और संघ और भाजपा के नेताओं का एक खेमा उनको पसंद करता है। वे अपने बेटे केई कांतेश को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं। ऊपर से शिवमोगा में कांग्रेस ने गीता शिवराजकुमार को उम्मीदवार बनाया है। वे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री केएस बंगरप्पा की बेटी हैं और उनके पति कन्नड़ फिल्मों के बड़े अभिनेता हैं। अगर भाजपा के बागी उम्मीदवार केएस ईश्वरप्पा भाजपा का कुछ वोट काटते हैं और पिछड़ा, वोक्कालिगा, मुस्लिम आदि वोट एकजुट होता है तो येदियुरप्पा के बेटे के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। हालांकि येदियुरप्पा का इस इलाके में जो असर है उसका कोई मुकाबला नहीं है। येदियुरप्पा खुद और उनके दूसरे बेटे, जो प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं बीवाई विजयेंद्र दोनों मेहनत कर रहे हैं।