भारतीय जनता पार्टी ने बिहार और उत्तर प्रदेश में यह मान लिया है कि यादव मतदाता उसको वोट नहीं देंगे। तभी वह गैर यादव पिछड़ी जातियों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है। हालांकि एक हिंदी न्यूज चैनल ने इजराइल के यहूदियों को यादव बता कर उन्हें मुस्लिम विरोधी ठहराया और इस तरह उनको भाजपा की ओर लाने का प्रयास किया लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिल रही है। पिछले दिनों अमित शाह बिहार के मुजफ्फरपुर में रैली करने गए थे उन्होंने मुस्लिम और यादव को एक साथ जोड़ते हुए कहा कि बिहार की जाति गणना में इन दोनों की आबादी बढ़-चढ़ा कर बताई गई है। तब यह और स्पष्ट हो गया कि पार्टी यादव वोट की उम्मीद छोड़ चुकी है। इसके बावजूद बिहार प्रदेश भाजपा की ओर से यादव जाति का एक सम्मेलन करके उनको यह मैसेज दिया गया कि भाजपा उनके खिलाफ नहीं है।
बिहार में मंगलवार को गोवर्धन महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में यादव समुदाय के लोग जुटे। प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ साथ प्रदेश भाजपा के दो बड़े यादव नेता, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और रामकृपाल यादव ने खूब भाषण दिया। यादव के भीतर उपजातियों के विभाजन का प्रयास भी शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि भाजपा के इस अभिया का मकसद सिर्फ इतना है कि यादव मतदाताओं में यह मैसेज बने की भाजपा उनकी दुश्मन नहीं है। इसका फायदा यह देखा जा रहा है कि पार्टी जहां यादव उम्मीदार देगी वहां उसे यादव का वोट मिल जाए और जहां राजद का यादव उम्मीदवार नहीं होगा वहां भी उसको कुछ कुछ फायदा हो जाए। भाजपा के एक नेता का कहना है कि अगर 25 फीसदी यादव वोट भी उसे मिलता है तो उसको बहुत बड़ा फायदा हो जाएगा।