पांच राज्यों के चुनाव नतीजे रविवार को आएंगे उससे पहले भारतीय जनता पार्टी में ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री’ का खेल शुरू हो गया है। कांग्रेस में यह खेल नहीं हो रहा है क्योंकि कांग्रेस मुख्यमंत्री के दावेदार पेश करके चुनाव लड़ी है। काग्रेस ने राजस्थान में अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश में कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और तेलंगाना में रेवंत रेड्डी के नाम पर चुनाव लड़ा है और अगर इन राज्यों में जीतती है तो ये लोग ही मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन अपने पारंपरिक दांव से पीछे हटते हुए भाजपा ने इस बार किसी राज्य में सीएम का दावेदार पेश नहीं किया। सभी राज्यों में कमल के निशान और नरेंद्र मोदी को चेहरा बना कर चुनाव लड़ा गया। इसलिए वहां एक्जिट पोल के साथ ही भागदौड़ शुरू हो गई है।
एक्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक भाजपा राजस्थान और मध्य प्रदेश में जीत सकती है। छत्तीसगढ़ में उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा होगा लेकिन वह कांग्रेस से पीछे रहेगी। इसके बावजूद वहां भी भाजपा नेताओं की सक्रियता शुरू हो गई है। भाजपा नेता मान रहे हैं कि अगर कांग्रेस और भाजपा में सीटों का अंतर कम होगा तो बाजी पलटी जा सकती है क्योंकि कांग्रेस में एक बड़े नेता को कमजोर कड़ी माना जा रहा है, जिनकी मदद से मध्य प्रदेश का खेल दोहराया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में भाजपा अच्छा प्रदर्शन कर रही है और इसका कुछ श्रेय वहां के प्रभारी ओम माथुर को दिया जा रहा है। और इस बीच ओम माथुर का नाम राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए भी चलने लगा है। हालांकि पहले उनका नाम चर्चा में नहीं था परंतु अब उनको गंभीर दावेदार माना जा रहा है।
एक्जिट पोल के नतीजों के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा सक्रिय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिखीं। उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की तो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यालय भी गईं। एक्जिट पोल में जिस तरह के नतीजों का अनुमान जताया गया है उससे लग रहा है कि मुकाबला नजदीकी हो सकता है। तभी वसुंधरा के लिए सबसे अच्छा मौका माना जा रहा है। उनके अलावा राजस्थान में चुनाव के पहले से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और विधानसभा चुनाव लड़ रहीं सांसद दीया कुमारी के नाम की चर्चा है।
उधर मध्य प्रदेश में जब से एक्जिट पोल के नतीजों में भाजपा के जीतने का अनुमान आया है तब से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना की वजह से भाजपा जीतेगी। तभी उनके फिर से मुख्यमंत्री बनने की बात भी शुरू हो गई है। हालांकि इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो वे भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद के नारे लगा कर चले गए। लेकिन सबको पता है कि अगर भाजपा का मौका बनता है तो उनको किनारे करना आसान नहीं होगा। उनके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रहलाद पटेल भी दावेदार हैं।