चुनाव के समय पार्टियों में इस बात की होड़ मची रहती है कि कौन कितना ज्यादा फेंक सकता है। यानी कौन कितना बड़ा वादा कर सकता है या कितना बड़ा झूठ बोल सकता है। इन दिनों स्थिति ऐसी है कि पार्टियां मतदाताओं को चांद तारे तोड़ कर लाने का वादा भी कर सकती हैं। इसी तरह का एक वादा बिहार में राजद के नेता तेजस्वी यादव ने किया है। उन्होंने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में कहा है कि उनकी सरकार बनी तो गरीब बहनों को हर साल एक लाख रुपए दिए जाएंगे।
पहले तो उन्होंने कहा कि हर गरीब महिला को लेकिन अब चुनाव प्रचार में वे हर माता बहन को हर साल एक लाख रुपया देने की बात कर रहे हैं। सोचें, हर साल एक लाख रुपया कितना होता है! बिहार के करीब तीन करोड़ परिवार हैं, जिनमें से ज्यादतर गरीब ही हैं। अगर आधे परिवार यानी डेढ़ करोड़ परिवार की एक एक महिला को को भी एक एक लाख रुपया दिया जाता है तो हर साल डेढ़ लाख करोड़ रुपए की जरुरत होगी।
पिछले साल जब मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना था तो उससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की घोषणा की और कहा कि हर महिला को साढ़े 12 सौ रुपए महीना दिया जाएगा। यानी साल का साढ़े 14 हजार रुपया। बाद में इसमें शर्तें लगाई गईं कि किन महिलाओं को यह पैसा मिलेगा। उसके बाद दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने कुछ शर्तों के साथ वयस्क महिलाओं को एक एक हजार रुपया यानी हर महीने 12 हजार रुपया देने का वादा किया। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को हर महीने पांच सौ रुपए यानी साल का छह हजार रुपया मिलता है। कांग्रेस ने न्याय योजना के तहत हर गरीब परिवार को छह हजार रुपए महीना यानी 72 हजार रुपया साल का देना का वादा किया था। इन सबको मिला कर तेजस्वी ने बिहार की महिलाओं को हर महीने करीब साढ़े आठ हजार रुपया यानी साल का एक लाख रुपया देने की घोषणा कर दी। बिहार का बजट दो लाख 62 हजार करोड़ रुपए का है और तेजस्वी हर साल करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपया महिलाओं में बांटेंगे।