बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और उनके घोषित उत्तराधिकारी आकाश आनंद को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट की चिंता सता रही है और वह सीट है नगीना की सुरक्षित सीट। इस सीट से ज्यादा अहम वहां से लड़ रहे चंद्रशेखर आजाद हैं। वे अपनी आजाद समाज पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं।
पहले कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों उनका समर्थन करेंगे। लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी ने वहां से मनोज कुमार को उम्मीदवार बना दिया। भारतीय जनता पार्टी ने भी ओम कुमार को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार भाजपा की टिकट यशवंत सिंह को मिली थी। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में सपा और बसपा का तालमेल था और इस सीट से बसपा के गिरीश चंद्र चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार उनकी बजाय बसपा ने सुरेंद्र पाल सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
बहरहाल, मायावती को कभी भी चंद्रशेखर आजाद से वास्तविक चुनौती नहीं मिली या उनसे खतरा नहीं रहा। लेकिन उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद को निश्चित रूप से चंद्रशेखर आजाद से खतरा है। तभी मायावती और आकाश दोनों किसी तरह से चंद्रशेखर को हरवाने की राजनीति कर रहे हैं। सोचें, यह सीट कितनी अहम है कि आकाश आनंद लोकसभा चुनाव अभियान पर निकले तो सबसे पहले नगीना पहुचें प्रचार करने। वहां उनका पूरा निशाना सिर्फ चंद्रशेखर आजाद पर रहा।
आकाश ने बिना नाम लिए कहा कि इस व्यक्ति ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में घुसने की पूरी कोशिश की क्योंकि इसको लग रहा था कि अकेले लड़ेंगे तो जमानत जब्त हो जाएगी। उन्होंने दलित मतदाताओं को चंद्रशेखर आजाद से आगाह करते हुए कहा कि वह आपको गुमराह करके मसीहा बनने का दावा करता है। बताया जा रहा है कि मायावती 11 अप्रैल को प्रचार के लिए जाएंगी। असल में बिजनौर बसपा का गढ़ रहा है और पिछली बार इस जिले की दोनों दोनों सीटों बिजनौर और नगीना पर बसपा जीती थी। सो, मायावती इस इलाके में नया दलित नेता उभरने से पहले ही उसे खत्म करने के प्रयास में लगी हैं।