भारतीय जनता पार्टी में एक अघोषित नियम है कि 75 साल उम्र वालों को चुनाव की टिकट नहीं मिलेगी और दूसरी अघोषित नियम यह है कि एक परिवार से दो लोगों को टिकट नहीं मिलेगी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि भाजपा इस बार के चुनाव में उम्र के नियम को तोड़ रही है। उसने मध्य प्रदेश में कई ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जिनकी उम्र 75 के आसपास या उससे ज्यादा है। इससे भाजपा के कई पुराने नेताओं की उम्मीदें जग गई हैं। कई ऐसे नेता, जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा थी और इस आधार पर लोकसभा चुनाव में अपनी टिकट को लेकर भरोसे में नहीं थे उनको लग रहा था कि अगर वे जीतने की स्थिति में होंगे तो उम्र के आधार पर उनकी टिकट नहीं कटेगी।
बहरहाल, मध्य प्रदेश में भाजपा ने 81-81 साल के दो नेताओं को चुनाव में उतारा है। दोनों के नाम नागेंद्र सिंह हैं। एक सतना की नौगद सीट से लड़ रहे हैं तो दूसरे रीवा की गुडा सीट से उम्मीदवार बनाए गए हैं। इनके अलावा पूर्व वित्त मंत्री 76 साल के जयंत मलैया को फिर से दमोह सीट से उतारा गया है। 74 साल की माया सिंह को ग्वालियर ईस्ट सीट से फिर से टिकट मिली है तो पूर्व स्पीकर 73 साल के सीताशरण शर्मा को होशंगाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। ध्यान रहे मध्य प्रदेश में ही पहले भाजपा कई नेताओं की टिकट उम्र के आधार पर काट चुकी है। स्पीकर रहीं सुमित्रा महाजन को पिछली बार इसी वजह से टिकट नहीं मिली थी। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और पूर्व मंत्री सरताज सिंह की टिकट भी उम्र के आधार पर ही काटी गई थी।