चुनाव आयोग ने सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है। पता नहीं आयोग को क्या हड़बड़ी थी, जो उसने इंतजार नहीं किया है। उसे पता है कि कई राज्यों में बड़ी संख्या में विधायक इस बार लोकसभा का चुनाव लड़े हैं और उनमें से कई विधायकों की सीट खाली हो रही है। लोकसभा चुनाव जीतने वाले विधायकों का इस्तीफा शुरू हो गया है और सभी का इस्तीफा 18 जून तक हो जाएगा। ध्यान रहे लोकसभा या विधानसभा की दो-दो सीटों पर जीतने वाले या लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव जीतने वालों को किसी एक सीट से इस्तीफा देने के लिए 14 दिन का समय होता है। अगर वह 14 दिन में इस्तीफा नहीं देता है तो बाद में जीती हुई सीट अपने आप खाली मान ली जाती है।
बहरहाल, 18 जून तक खाली होने वाली विधानसभा सीटों पर जुलाई या अगस्त में उपचुनाव हो सकते हैं। जब भी ये उपचुनाव होंगे तब कई राज्यों में एक तरह का मिनी आम चुनाव होगा। जैसे पश्चिम बंगाल में। बंगाल के छह विधायक लोकसभा का चुनाव जीते हैं। इनमें एक भाजपा के हैं और बाकी पांच विधायक तृणमूल कांग्रेस के हैं। इन छह सीटों के खाली होने से पहले ही राज्य में खाली हुई चार सीटों पर चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा कर दी। ये सीटें विधायकों के निधन या इस्तीफा देने से खाली हुई थीं। बंगाल सरकार चाहती है कि 10 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो। लेकिन अगर चार और फिर छह सीटों पर अलग अलग चुनाव होता है तो वह भी एक मिनी चुनाव की तरह होगा।
इसी तरह बिहार में चुनाव आयोग ने एक सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है लेकिन राज्य विधानसभा की तीन विधायक इस बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं। उनकी सीटों पर भी उपचुनाव कराना होगा। ये तीनों सीटें राजद और सीपीआई माले यानी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की हैं। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये उपचुनाव बहुत अहम हैं। तीन विधानसभा सीटों के अलावा राज्यसभा की दो सीटों और विधान परिषद की एक सीट पर भी उपचुनाव कराना होगा। झारखंड में भी तीन विधायक चुनाव जीत कर सांसद बन गए हैं लेकिन वहां दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है। हरियाणा और महाराष्ट्र में भी लोकसभा चुनाव जीते विधायकों के इस्तीफे से खाली होने वाली सीटों पर उपचुनाव नहीं होगा क्योंकि दोनों राज्यों में भी जल्दी ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं।
लेकिन पंजाब में कई सीटों पर उपचुनाव होगा। चुनाव आयोग ने एक जालंधर पश्चिमी सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है, जिस पर 10 जुलाई को मतदान होना है। लेकिन इसके अलावा चार विधायक इस बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं और उनकी सीटों पर उपचुनाव होगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजा अमरिंदर वडिंग ने गिद्दड़बाह सीट से, सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डेरा बाबा नानक सीट से और राजकुमार चब्बेवाल ने चब्बेवाल सीट से इस्तीफा दिया है। ये तीनों क्रमशः लुधियाना, गुरदासपुर और होशियारपुर से सांसद चुने गए हैं। इसी तरह आम आदमी पार्टी के नेता और भगवंत मान सरकार के मंत्री गुरमीत मीत हेयर संगरूर सीट से सांसद चुने गए हैं तो उनकी बरनाला विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होगा।