उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार एक नई मुश्किल में घिरी है। इस बार भी विवादों के पीछे केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का परिवार है। गौरतलब है कि पिछले साल अनुप्रिया पटेल ने राज्य सरकार की भर्तियों में आरक्षण लागू नहीं करने का मुद्दा उठा कर योगी आदित्यनाथ के लिए असहज स्थितियां पैदा की थीं। उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्टी लिख कर आरोप लगाया था कि सरकारी भर्तियां सीधे इंटरव्यू के जरिए हो रही हैं और एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण की अनदेखी की जा रही है। अब इस बार उनके परिवार ने नया विवाद खड़ा किया है। उनकी बहन और समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने अनुप्रिया पटेल के पति और राज्य सरकार के मंत्री आशीष पटेल के ऊपर भर्ती घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को चिट्ठी लिख कर इस मामले की जांच कराने की मांग की है।
परंतु असली विवाद यह नहीं है। असली विवाद यह है कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल ने उत्तर प्रदेश सरकार की स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ से अपनी जान को खतरा बताया है। यह अपनी तरह का अनोखा मामला है। इससे पहले कभी सुनने को नहीं मिला कि राज्य सरकार के एक कैबिनेट मंत्री अपने राज्य की पुलिस से जान को खतरा बताए। आशीष पटेल ने यहां तक कहा है कि अगर उनको कुछ होता है तो इसके लिए जिम्मेदार एसटीएफ होगी। गौरतलब है कि योगी सरकार की एसटीएफ मुठभेड़ और कथित अपराधियों को मार गिराने के लिए बदनाम रही है। पिछले ही दिनों चोरी के एक मामले में कई लोगों का इनकाउंटर कर देने के विवादों में एसटीफ के अधिकारी घिरे थे। तब तस्वीरें वायरल हुई थीं, जिनमें एसटीएफ के अधिकारी बिना किसी इनकाउंटर गियर के थे और हवाई चप्पल पहनी हुई थी। दावा किया जा रहा था कि इसी स्थितियों में उन लोगों ने इनकाउंटर कर दिया था।
बहरहाल, उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ के प्रमुख अमिताभ यश हैं, जिनको लेकर मीडिया और सोशल मीडिया में बहुत कुछ कहा जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 से ज्यादा अधिकारियों की वरीयता की अनदेखी करके उनको एसटीएफ का प्रमुख बनाया गया है। सो, एक विवाद तो यह है कि केंद्रीय मंत्री के पति और राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अपनी ही पुलिस की एसटीएफ से जान का खतरा बताया है। आशीष पटेल से जुड़ा दूसरा विवाद यह है कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार के सूचना निदेशक शिशिर सिंह को कठघरे में खड़ा किया है। आशीष पटेल ने कहा है कि उनके खिलाफ झूठ, फरेब और मीडिया ट्रायल का खेल चल रहा है। असल में उनके मंत्रालय की भर्तियों में गड़बड़ी और आरक्षण में गोलमाल को लेकर कुछ खबरें छपी हैं और सोशल मीडिया में इसका प्रचार हुआ है। तभी आशीष पटेल ने राज्य सरकार के सूचना निदेशक का नाम लेकर कहा कि शिशर सिंह उनके खिलाफ चल रहे झूठ, फरेब और मीडिया ट्रायल पर रोक लगवाएं। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर नहीं है कि उनके खिलाफ अभियान में सूचना और जनसंपर्क विभाग की कोई भूमिका है लेकिन उन्होंने परोक्ष रूप से इसका इशारा किया। गौरतलब है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की मर्जी से आशीष पटेल को एमएलसी बनाया गया था और वे कैबिनेट मंत्री बने। अब वे राज्य पुलिस की एसटीएफ को से अपनी जान का खतरा बता रहे हैं और सूचना निदेशक पर आरोप लगा रहे हैं। वे अपनी और अपनी पत्नी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की संपत्ति की जांच की बात भी कर रहे हैं। सवाल है कि क्या भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य की योगी सरकार में किसी तरह की खींचतान है, जिसके शिकार अशीष पटेल बन रहे हैं?