संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इसमें दूसरे दिन सरकार बजट पेश करेगी। उसके बाद बजट पर चर्चा होनी है और सरकार को आधा दर्जन विधेयक भी पास कराने हैं। लेकिन विपक्ष की तैयारियों से लग रहा है कि वह उपाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सरकार को घेरेगा। जहां तक नीट यूजी की परीक्षा की गड़बड़ियों का सवाल है तो वह सुप्रीम कोर्ट में है और सोमवार को ही संभव है कि सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना दे। ध्यान रहे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में यह बड़ा मुद्दा बना था लेकिन मानसून सत्र में विपक्ष इसे मुद्दा बनाएगा इसकी संभावना कम है।
विपक्ष के लिए मानसून सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा में भाजपा की सरकार ने उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की। पूरे पांच साल बिना उपाध्यक्ष के कामकाज हुआ था और ऐसा पहली बार हुआ था। लेकिन तब भाजपा के 303 सांसद थे और विपक्ष की स्थिति बहुत कमजोर थी। इस बार भाजपा 240 सीटों पर है और विपक्ष के 233 सांसद हैं। इसलिए विपक्ष दबाव बनाएगा कि मानसून सत्र में उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जाए। विपक्ष की मांग है कि परंपरा के मुताबिक सरकार उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दे। अगर सरकार किसी सहयोगी पार्टी को उपाध्यक्ष का पद देती है तो विपक्ष उसे चुनौती देगा और चुनाव कराएगा। अभी तक सरकार ने भी साफ नहीं किया है कि उसका क्या इरादा है। क्या वह टीडीपी को उपाध्यक्ष का पद दे सकती है? ध्यान रहे राज्यसभा में जनता दल यू के हरिवंश उप सभापति हैं।