आम आदमी पार्टी का तमाशा अभी यही खत्म नहीं होने वाला है। अभी सिर्फ एक अध्याय पूरा हुआ है, जिसमें केजरीवाल के त्याग की हवा बनाई गई है। पहले अध्याय में बताया गया कि वे शहीद भगत सिंह हो गए, वे भगवान राम की तरह वनवास पर जा रहे हैं और माता सीता की तरह उनको अग्नि परीक्षा देनी है। दूसरा अध्याय उनके वनवास जाने का होगा। कहा जा रहा है कि केजरीवाल सिविल लाइंस में फ्लैट स्टाफ रोड का बंगला खाली करेंगे। वही बंगला, जिसे चार बंगलों को तोड़ कर बनाया गया है और जिसे बनाने पर 50 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। सोचें, वह बंगला खाली करने के समय कितना बड़ा तमाशा खड़ा किया जा सकता है!
इस तमाशे के कई पहलू हैं। पहला तो यह होगा कि आतिशी मना करेंगी कि वे उस बंगले में नहीं जाएंगी और पुराना किला रोड के अपने बंगले से ही काम करेंगी। इसके बाद केजरीवाल नैतिकता का हवाला देते हुए फ्लैग स्टाफ रोड खाली करेंगे और अपने लिए दूसरा घर लेंगे। हो सकता है कि वे कौशांबी के अपने पुराने फ्लैट में रहने चले जाएं, जहां से उन्होंने शुरुआत की थी। अभी से उनकी पार्टी ने यह माहौल बनाना शुरू कर दिया है कि फ्लैग स्टाफ रोड का बंगला केजरीवाल का नहीं है, बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का है। आतिशी को उस बंगले में शिफ्ट कराने से यह नैरेटिव बन जाएगा और फिर उस बंगले पर 50 करोड़ रुपए खर्च करने की खबरों से जो दाग केजरीवाल पर लगे हैं उनकी सफाई हो जाएगी। सो, इस्तीफे के बाद दूसरे अध्याय में बंगले का तमाशा शुरू होने वाला है। उसके बाद बाकी अध्याय जुड़ते जाएंगे।