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केजरीवाल के वकीलों की कैसी कैसी दलीलें

abhishek manu singhvi

दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हो रही है और उनके वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल कोई आतंकवादी नहीं हैं, वे चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। सोचें, इस दलील का क्या मतलब है? बड़ा सवाल तो यह है कि सिंघवी जैसा वकील, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि आज की तारीख में वे सुप्रीम कोर्ट के सबसे अच्छे और सफल वकील हैं। वे इस तरह की दलील दे रहे हैं। सबको पता है कि केजरीवाल आतंकवादी नहीं हैं और यह भी सबको पता है कि उनको आतंकवाद निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया है।

उनको गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून यानी यूएपीए के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया है। उनको पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार करने, हवाला के जरिए पैसे का लेन देन करने और काले धन को सफेद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून यानी पीएमएलए के तहत कार्रवाई हो रही है। फिर यह तर्क देने का क्या मतलब है कि वे आतंकवादी नहीं हैं? अगर इसका कोई मतलब हो और अदालत इसे गंभीरता से ले तब तो भ्रष्टाचार के मामले में देश में गिरफ्तार हर नेता के मामले में यह बात कही जाएगी? दूसरे, क्या यह माना जाए कि सिंघवी कहना चाह रहे हैं कि आतंकवाद या यूएपीए के मामले में गिरफ्तार लोगों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए लेकिन जो आतंकवादी नहीं हैं उनको जमानत मिल जानी चाहिए? आम आदमी पार्टी के वकील और नेता इस तरह की बातें मनीष सिसोदिया के लिए भी करते रहे हैं।

By NI Political Desk

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