कांग्रेस पार्टी देश भर में गारंटी दे रही है। राहुल गांधी की ओर से गारंटियों का ऐलान किया जा रहा है। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छह गारंटियों का ऐलान कर दिया। इनमें से कुछ गारंटियां उनसे अलग हैं, जो कांग्रेस दे रही है। सवाल है कि क्या कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां इन गारंटियों से सहमत होंगी? यह सवाल इसलिए है क्योंकि एक तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी दिल्ली और पंजाब केंद्रित पार्टी है।
वह पूरे देश का चुनाव नहीं लड़ रही है। वह लोकसभा की जितनी सीट लड़ रही है उससे ज्यादा सीटें विपक्ष की कई पार्टियां लड़ रही हैं। ऊपर से हर राज्य की अपनी समस्याएं हैं, जिसके हिसाब से वहां की पार्टियां चुनावी वादे कर रही हैं। हालांकि उनकी गारंटियां बहुत जेनेरिक हैं लेकिन उन्हें बहुत होशियारी से केजरीवाल के कथित दिल्ली मॉडल पर आधारित किया गया है, जिसको अगर विपक्ष स्वीकार करता है तो केजरीवाल की पीआर टीम दिल्ली मॉडल का प्रचार करेगी।
केजरीवाल का संदेश पढ़ते हुए उनकी पत्नी ने छह गारंटी दी और कहा पहली गारंटी है कि पूरे देश में 24 घंटे बिजली मिलेगी और दूसरी गारंटी यह है कि पूरे देश में गरीबों को बिजली फ्री करेंगे। तीसरी गारंटी, हर गांव और हर मोहल्ले में शानदार सरकारी स्कूल बनेंगे। चौथी गारंटी यह है कि हर गांव और मोहल्ले में मोहल्ला क्लीनिक बनेगा, हर जिले में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा और हर आदमी का फ्री इलाज होगा।
पांचवीं गारंटी, किसानों को स्वामीनाथन आयोग के मुताबिक सभी फसलों पर एमएसपी तय कर दाम दिलाएंगे और छठी गारंटी यह है कि दिल्ली की जनता ने 75 साल से अत्याचार सहा, ये अन्याय खत्म करेंगे। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे। कांग्रेस भी किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा कर रही है। हर गांव में स्कूल या अस्पताल बनवाने की गारंटी भी नई नहीं है। लेकिन पूरे देश में गरीबों को बिजली फ्री देने की गारंटी पर कुछ सवाल हो सकते हैं।