दिल्ली में कमाल की राजनीति हो रही है। इस साल लोकसभा का चुनाव एक साथ मिल कर लड़ने वाली दो पार्टियां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं। भाजपा से ज्यादा कांग्रेस ने आप पर हमला किया है। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश के सबसे बड़े नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को ‘फर्जीवाल’ बताया है और उनको देश का सबसे बड़ा फ्रॉड बता कर उनकी आलोचना की। कांग्रेस ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ 12 सूत्री श्वेत पत्र भी जारी किया। delhi election
माकन ने कहा कि 2013 में केजरीवाल को समर्थन देकर उनकी सरकार बनवाना और इस साल लोकसभा चुनाव में उनसे तालमेल करके लड़ना, दोनों कांग्रेस की गलती थी। इतना आक्रामक अभियान चला कर कांग्रेस इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की राजनीति कर रही है। कांग्रेस की नजर मुस्लिम और प्रवासी मतदाताओं पर है, जो बुनियादी रूप से पहले कांग्रेस के साथ थे और अब आप के साथ चले गए हैं।
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इस रणनीति के तहत कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले मुस्लिम नेताओं को टिकट देना शुरू किया है। वह आप के दूसरे पूर्व विधायकों या नेताओं को भी टिकट दे रही है लेकिन मुस्लिम नेताओं के मामले में रिकॉर्ड शत प्रतिशत है। कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची में सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान को टिकट दिया। पिछली बार वे आप की टिकट पर जीते थे लेकिन इस बार आप ने उनकी टिकट काट दी है और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे चौधरी मतीन अहमद के बेटे जुबैर अहमद को टिकट दिया है।
टिकट कटते ही विधायक अब्दुल रहमान कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस ने उनको टिकट दे दी। इसी तरह कांग्रेस ने मटियामहल सीट से आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक आसिम खान को उम्मीदवार बनाया है। वहां से आप ने शुएब इकबाल को टिकट दिया था लेकिन उनके मना करने के बाद उनके बेटे आले मोहम्मद इकबाल को लड़ाया जा रहा है, जो आप के पार्षद हैं। ऐसे ही बाबरपुर सीट से भी कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक इशाक मोहम्मद खान को टिकट दिया है। तभी दिल्ली में मुस्लिम वोट की राजनीति रोचक होती जा रही है।