राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

दिल्ली में कौन किससे मिला हुआ है?

Delhi electionImage Source: ANI

Delhi election: दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीनों मुख्य पार्टियां एक दूसरे पर मिले होने का आरोप लगा रही हैं।

आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस के पुराने गठबंधन का भंडाफोड़ हो गया है।

उनका आरोप है कि दोनों पार्टियां मिल कर लड़ रही हैं और कांग्रेस के कई उम्मीदवारों के लड़ने का खर्च भाजपा दे रही है।

दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल एक जैसे हैं।

कांग्रेस पहले से आरोप लगाती रही है कि भाजपा की बी टीम है आम आदमी पार्टी। उधर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस और आप अलग अलग नहीं हैं।

उसका कहना है कि दोनों पार्टियां लोकसभा का चुनाव एक साथ लड़ी थीं और दिल्ली विधानसभा में भी मिल कर लड़ने की तैयारी थी लेकिन किसी कारण से वह सफल नहीं हो सका तो दोनों पार्टियां अलग अलग लड़ रही हैं।

also read: दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे और बारिश के कारण 29 ट्रेनें लेट

तीनों पार्टियों के आरोपों को लेकर दो सवाल उठते हैं। पहला तो यह है कि क्या सचमुच किसी दो पार्टी के बीच ऐसी कोई अंडरस्टैंडिंग है?(Delhi election)

दूसरा सवाल यह है कि क्या दिल्ली के लोग इन बातों पर यकीन करेंगे? पहली नजर में सबसे अविश्वसनीय आरोप केजरीवाल के लग रहे हैं।

कांग्रेस और भाजपा के मिले होने की बात पर शायद ही किसी को यकीन होगा। दोनों पार्टियों के नेता लगातार लड़ते रहते हैं और सबको दिखता है कि कैसे कांग्रेस के सर्वोच्च नेताओं सोनिया व राहुल गांधी की साख और छवि बिगाड़ने के लिए भाजपा क्या क्या करती है।

सो, दोनों मिले हुए हैं इस पर किसी को यकीन नहीं होगा। परंतु इस पर यकीन हो सकता है कि कांग्रेस के ज्यादा ताकत लगा कर लड़ने से भाजपा को फायदा होगा। यानी कांग्रेस की वजह से आप को नुकसान होगा तो उसका फायदा भाजपा को होगा।

कांग्रेस का दुश्मन आप

तभी केजरीवाल ने इस पर जोर दिया है। इसके लिए उन्होंने दो बातों को आधार बनाया। पहला, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस का दुश्मन आप है

दूसरा केजरीवाल ने राहुल पर हमला किया तो उसका जवाब भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दिया।(Delhi election)

केजरीवाल का सारा प्रयास सिर्फ मुस्लिम मतदाताओं को यकीन दिलाना है कि अगर वे कांग्रेस की ओर जाते हैं तो वोट बंटने का फायदा भाजपा को होगा।

दूसरी ओर कांग्रेस याद दिला रही है कि उत्तर पूर्वी दंगे में भाजपा और आप मिले हुए थे तभी तब के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वहां से दूरी रखी और चुप्पी साधे रहे, जबकि राहुल गांधी मुसलमानों के जख्मों पर मल्हम लगाया।

सो, सबसे दिलचस्प पहलू यही है कि मुस्लिम जोखिम लेते हैं या कांग्रेस के प्रति सद्भाव रखते हुए मजबूरी में आप को वोट देते हैं?

कांग्रेस और आप अलग अलग नहीं(Delhi election)

भाजपा का प्रयास यह साबित करना है कि कांग्रेस और आप अलग अलग नहीं हैं। इसका मकसद यह मैसेज बनाना है कि दोनों मिले हुए हैं और चुनाव के बाद जरुरत हुई तो दोनों वैसे ही मिल जाएंगे जैसे दिसंबर 2013 में मिल गए थे।

अगर नीचे तक यह मैसेज जाता है तो कांग्रेस को भी भाजपा विरोधी वोट मिल सकते हैं। इससे भी आप का वोट बंटेंगा।

तभी भाजपा के बनवाए जा रहे मैसेज से कांग्रेस को दिक्कत नहीं है, बल्कि कांग्रेस चाहती है कि भाजपा यह प्रचार करे कि कांग्रेस और आप मिले हुए हैं।

केजरीवाल के प्रचार से कांग्रेस को नुकसान है इसलिए कांग्रेस की ओर से उसको लगातार काउंटर किया जा रहा है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *