भारतीय जनता पार्टी के नेता दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर निजी हमले बंद नहीं कर रहे हैं, बल्कि निजी हमले बढ़ते जा रहे हैं। चुनाव से पहले इस तरह के निजी हमलों से भाजपा को नुकसान हो सकता है। अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ को लेकर राजनीतिक हमला ठीक है लेकिन या उनके परिवार के ऊपर हमला नुकसान करेगा। इसी तरह मुख्यमंत्री आतिशी के ऊपर जो निजी हमले हो रहे हैं उनसे भी भाजपा को नुकसान हो सकता है। आतिशी के प्रति आम लोगों की सहानुभूति हो सकती है।
आतिशी के ऊपर हमला करके कालकाजी से भाजपा के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी अपने को लड़ाई से बाहर कर चुके हैं। भले वे कितने भी मजबूत हों और तीन बार सांसद रहे हों लेकिन जिस तरह से उन्होंने आतिशी को अपना उपनाम बदल कर मार्लेना से सिंह करने पर कहा कि उन्होंने पिता बदल लिया, उसका बड़ा नुकसान हुआ है। तभी कांग्रेस की उम्मीदवार अलका लांबा ने कहना शुरू किया है कि कालकाजी में लड़ाई आतिशी बनाम अलका लांबा है। हालांकि ऐसा नहीं है, लड़ाई बिधूड़ी से ही होगी, लेकिन वे नुकसान में रहेंगे। पिता के नाम पर आंसू बहा कर आतिशी ने और बढ़त बना ली है। इस बीच भाजपा के एक अन्य बड़े नेता योगेंद्र चंदोलिया ने भी उनके पिता पर हमला किया और कहा कि उन्होंने अफजल गुरू को बचाने की कोशिश की थी। इससे भी आतिशी को फायदा ही होगा। केजरीवाल की राजनीति के कारण अगर कुछ मुस्लिम वोट कांग्रेस की ओर जाने वाले होंगे तो वह भी कालकाजी में आतिशी को ही मिलेगा।