दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ऐसा लग रहा है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रास्ते पर चल रहे हैं। हैरानी नहीं है कि जैसे हेमंत सोरेन के लिए कपिल सिब्बल और अभिषक सिंघवी पैरवी करते थे उसी तरह केजरीवाल के लिए भी ये दोनों वकील पैरवी करते हैं। इसके बावजूद दोनों हेमंत सोरेन को कोई राहत नहीं दिलवा पाए। Arvind Kejriwal ED summons
यहां तक कि लोकपाल के मुकदमे के मामले में शिबू सोरेन को भी कोई राहत नहीं मिली। प्रवर्तन निदेशालय को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करना था तो उसने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उनको 10 समन दिए गए। वे समन के खिलाफ अदालत में भी गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
उसी तरह ईडी के समन के खिलाफ अरविंद केजरीवाल भी अदालत में गए लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। वे ईडी के समन को अवैध बता रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि पूछताछ के लिए अगर कोई एजेंसी बुलाए तो उसके समन को अदालत अवैध मानेगी। केजरीवाल को छह समन मिल गए हैं और पांचवें समन के बाद ही ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में उनकी शिकायत की है, जिस पर 16 मार्च को सुनवाई होनी है।
ईडी का कहना है कि सुनवाई समन के गुण-दोष पर नहीं होनी है, बल्कि इस पर होनी है कि मुख्यमंत्री जैसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति एजेंसी के समन की अनदेखी कर रहे हैं और जांच की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। तभी अदालत की सुनवाई से पहले ईडी ने उनको सातवां समन भेज कर 26 फरवरी को पेश होने को कहा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इसी समन के बाद उनकी गिरफ्तारी होती है या अगला समन मिलता है। वैसे उनकी पार्टी ने अब कहना शुरू कर दिया है कि उनको सीबीआई गिरफ्तार कर सकती है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि भाजपा दबाव बना रही है कि आप और कांग्रेस का तालमेल न हो। अब चूंकि दोनों पार्टियों में तालमेल तय हो गया है तो सीबीआई केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है। ध्यान रहे मनीष सिसोदिया को भी पहले सीबीआई ने ही गिरफ्तार किया था। Arvind Kejriwal ED summons
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