Delhi asseimbly election: क्या आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा चुनाव में जमीनी स्तर से कोई निगेटिव फीडबैक मिल रही है?
यह सवाल इसलिए है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से उनकी बेचैनी साफ दिखने लगी है। वे अनाप शनाप वादे कर रहे हैं और उलटे सीधे आरोप लगा रहे हैं।
पहली बार ऐसा हुआ कि उन्होंने मध्य वर्ग को खुश करने के लिए मिडिल क्लास मैनिफेस्टो जारी किया। लेकिन उसमें कोई घोषणा नहीं थी।(Delhi asseimbly election)
उसमें सिर्फ य़ह कहा गया कि उनकी पार्टी मध्य वर्ग के लिए केंद्र सरकार से सात मांग करेगी। इसका उलटा ही असर हुआ।
अब उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा की हरियाणा सरकार दिल्ली के लोगों का नरसंहार कराना चाहती है।(Delhi asseimbly election)
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दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी और उसके बाद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हरियाणा सरकार ने यमुना का पानी जहरीली कर दिया।
उनका दावा है कि जैसे अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिरा कर नरसंहार किया था उसी तरह भाजपा दिल्ली में नरसंहार कराना चाहती थी।(Delhi asseimbly election)
केजरीवाल का दावा है कि जल बोर्ड के इंजीनियरों ने पानी पहले ही रोक दिया। अब सवाल है कि नदी के पानी को पूरी तरह से कैसे रोक दिया गया और दूसरे अगर पानी हरियाणा की तरफ रूक गया तो उस जहरीले पानी से हरियाणा में क्यों नहीं किसी को कुछ हो गया?
लेकिन ऐसे तार्किक सवालों के लिए चुनाव प्रचार में कोई जगह नहीं होती है। फिर भी नरसंहार की साजिश जैसे आरोपों से केजरीवाल की परेशानी ही जाहिर हुई है।(Delhi asseimbly election)
यह पहली बार है, जब केजरीवाल विधानसभा चुनाव में इतनी परेशानी में दिख रहे हैं। अपनी सीट पर भी पहली बार वे इतने मजबूत मुकाबले में फंसे दिख रहे हैं।