राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

केजरीवाल का टिकट काटने का मनमाना तरीका

Delhi asseimbly electionImage Source: ANI

अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो हैं। उनके फैसले पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। लेकिन उत्तरी दिल्ली की तिमारपुर विधानसभा सीट के विधायक दिलीप पांडेय के चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा और उसके बाद कांग्रेस, भाजपा और आप तीनों पार्टियों में रह चुके पूर्व विधायक सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को फिर से आप में शामिल कराने के फैसले के खिलाफ पार्टी में बगावत हो गई है। Delhi asseimbly election

आप के 60 से ज्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। उनका कहना है कि अगर बिट्टू को चुनाव लड़ाया जाता है तो वे उनके लिए काम नहीं करेंगे। आप के नेताओं ने कहा है कि अगर दिलीप पांडेय की टिकट कटती है तो वे मान लेंगे कि पार्टी 70 की बजाय 69 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है।

Also Read: भारत के चमकते अरबपति

यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि दिलीप पांडेय आम आदमी पार्टी के सबसे पुराने नेताओं में से एक हैं। वे आंदोलन के शुरुआती दिनों से जुड़े हैं। दूसरे वे आप के सबसे सक्षम, पढ़े लिखे और योग्य नेताओं में से हैं। उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनी की अपनी नौकरी छोड़ कर अन्ना हजारे के आंदोलन में हिस्सा लिया था। तीसरे, वे लगातार अपने क्षेत्र में लोगों के बीच रहने वाले विधायक हैं। तभी उनको लेकर पार्टी के नेता व कार्यकर्ता जज्बाती हो रहे हैं।

केजरीवाल उनकी जगह बिट्टू को लाए हैं तो स्पीकर रामनिवास गोयल की जगह जितेंद्र सिंह शंटी को ले आए हैं। दो बाहरी नेताओं के आने के बाद आप के दोनों पुराने नेताओं को चुनाव नहीं लड़ने को कहा गया है। लेकिन इसी तरह पटपड़गंज की सीट के लिए कोचिंग चलाने वाले अवध ओझा को लाया गया है तो वहां के विधायक मनीष सिसोदिया के लिए जंगपुरा की सीट पर लड़ने की संभावना देखी जा रही है। इसका मतलब है कि कोई एकरूप नियम नहीं है। केजरीवाल जिसको चाहेंगे उसको टिकट देंगे और जिसको नहीं चाहेंगे उसकी टिकट काट देंगे।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *